इंडिगो की मनमानी पर लग सकता है लगाम, दो नई एयरलाइंस को सरकार की मंजूरी
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो में हाल ही में आई तकनीकी गड़बड़ी ने हज़ारों यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा दी थीं। कई एयरपोर्ट्स पर यात्रियों को घंटों इंतज़ार करना पड़ा, वहीं बड़ी संख्या में लोग अपनी तय मंज़िल तक नहीं पहुंच सके। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया कि भारतीय विमानन क्षेत्र में कुछ ही कंपनियों का दबदबा कितना बड़ा है।
हालांकि अब यात्रियों के लिए राहत की खबर है। केंद्र सरकार ने एविएशन सेक्टर में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए दो नई एयरलाइंस— ‘अल हिंद एयर’ और ‘फ्लाई एक्सप्रेस’— को नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) जारी कर दिया है। इसका मतलब है कि आने वाले समय में यात्रियों के पास हवाई सफर के लिए ज्यादा विकल्प होंगे और टिकट बुकिंग में कुछ चुनिंदा कंपनियों पर निर्भरता कम होगी।
फिलहाल भारतीय घरेलू विमानन बाजार पर दो बड़े समूहों— इंडिगो और टाटा ग्रुप (एयर इंडिया)— का वर्चस्व है। आंकड़ों के मुताबिक, देश के भीतर उड़ान भरने वाले लगभग 90 फीसदी यात्री इन्हीं दोनों समूहों की सेवाओं का उपयोग करते हैं। ऐसे में जब किसी एक एयरलाइन की सेवाएं प्रभावित होती हैं, तो पूरा सिस्टम चरमरा जाता है और आम यात्रियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।
इसी खतरे को कम करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने नई एयरलाइंस को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। मंत्री ने बताया कि सरकार बाजार में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करना चाहती है। बीते एक सप्ताह में मंत्रालय ने तीन नई एयरलाइन कंपनियों की टीमों से बातचीत भी की है, जिससे साफ है कि सरकार यात्रियों को बेहतर सेवाएं और उचित किराए दिलाने के लिए नए विकल्प तैयार करना चाहती है।
जिन दो एयरलाइंस को हाल ही में मंजूरी मिली है, उनकी पृष्ठभूमि भी मजबूत मानी जा रही है। ‘अल हिंद एयर’ केरल स्थित अलहिंद ग्रुप से जुड़ी है, जो पहले से ट्रैवल और टूरिज्म सेक्टर में सक्रिय है। वहीं ‘फ्लाई एक्सप्रेस’ हैदराबाद की कंपनी है, जिसे कूरियर और कार्गो सेवाओं का अनुभव है।
इसके अलावा ‘शंख एयर’ को पहले ही एनओसी मिल चुकी है। शंख एयर की योजना उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों— लखनऊ, वाराणसी, आगरा और गोरखपुर— को आपस में जोड़ने की है। इससे टियर-2 और टियर-3 शहरों की हवाई कनेक्टिविटी बेहतर होने की उम्मीद है।
सरकार की उड़ान योजना के तहत पहले ही स्टार एयर और फ्लाई91 जैसी क्षेत्रीय एयरलाइंस अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुकी हैं। अब नए खिलाड़ियों के आने से घरेलू एविएशन बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और यात्रियों को बेहतर सुविधाओं के साथ ज्यादा विकल्प मिलने की संभावना है।
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