Kashi gangrape case : काशी की पवित्र धरती से जो खुलासा हुआ है, उसने पूरे देश को झकझोर दिया है। एक छात्रा से गैंगरेप के मामले की तह में गई पुलिस को जो मिला, वो सिर्फ एक अपराध नहीं बल्कि एक संगठित सेक्स रैकेट की भयावह सच्चाई है। इस मामले मेंं अब तक हुई 12 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद जब उनके मोबाइल की जांच हुई तो पुलिस भी सन्न रह गई। जांच में एक आरोपी के मोबाइल से 546 लड़कियों के न्यूड वीडियो बरामद हुए, जिन्हें देश के छह राज्यों- उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु- में शेयर किया गया था। इस घिनौने कांड का मास्टरमाइंड निकला ‘कांटिनेंटल कैफे’ का मालिक अनमोल, जो इस कैफे की आड़ में देशभर में लड़कियों को भेजने का धंधा चला रहा था।मामला सामने आते ही न सिर्फ स्थानीय पुलिस बल्कि केंद्र सरकार तक हरकत में आ गई।
मामले ने तूल पकड़ा 11 अप्रेल से जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब काशी पहुंचे, तो एयरपोर्ट पर उतरते ही उन्होंने पुलिस कमिश्नर से इस केस पर सवाल-जवाब किए और स्पष्ट निर्देश दिए कि “कोई भी दोषी बचना नहीं चाहिए।”
Kashi gangrape case : आइए विस्तार से जानते हैं क्या है पूरा मामला
कहानी शुरू होती है 29 मार्च की रात से जब एक छात्रा अचानक गायब हो जाती है। परिजन रोते-बिलखते छात्रा को खोजने का प्रयास करते है। उसके दोस्त, आस-पड़ोस में पूछताछ करते है लेकिन कहीं कुछ खबर नहीं मिली। फिर 4 अप्रैल को पुलिस छात्रा के घर दस्तक देती है। पुलिस परिजन को उनकी बेटी से तो मिलवा देती है लेकिन उसकी हालात देख छात्रा के माता-पिता की रूह कांप जाती है। बच्ची को बेसुध देख माँ-बाप का कलेजा मानों बाहर निकल गया हो। बच्ची किसी को पहचान नहीं पा रही थी। वह सभी को शक की निगाहों से देख रही थी। छात्रा के पिता ने बताया कि, बेटी को नार्मल होने में 48 घंटे लग गए थे। मेरी बेटी के साथ 6 दिन में 23 लड़कों ने हैवानियत की, फिर सड़क किनारे फेंक दिया। पुलिस ने 7 अप्रैल को FIR दर्ज की। बेटी अब भी दहशत में है
Kashi gangrape case : कांटिनेंटल कैफे का मालिक अनमोल गुप्ता निकला मास्टरमाइंड
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि इस जघन्य अपराध का मास्टरमाइंड कांटिनेंटल कैफे का मालिक अनमोल गुप्ता था, जिसने एक खतरनाक नेटवर्क बुन रखा था। जांच के दौरान 12 आरोपियों को हिरासत में लिया गया और उनके मोबाइल फोन्स से एक हैरान करने वाला सच सामने आया- 546 लड़कियों के न्यूड वीडियो और तस्वीरें। ये वीडियो सिर्फ वाराणसी तक सीमित नहीं थे; इन्हें यूपी समेत 6 राज्यों में महाराष्ट्र, दिल्ली, बिहार, पश्चिम बंगाल, और तमिलनाडु भेजा गया था। यह रैकेट की भयावहता को दिखाता है, जो एक छोटे से कैफे से शुरू होकर देश के अलग अलग राज्यों तक पहुंच गया।
Kashi gangrape case : क्या हुआ था 29 मार्च को?
मामले की जांच कर रही पुलिस के अनुसार, 29 मार्च 2025 की एक शाम वाराणसी की सड़कों पर एक 18 साल की छात्रा अपनी सहेली के घर से लौट रही थी। रास्ते में उसकी मुलाकात राज विश्वकर्मा से हुई, जिसने उसे लंका स्थित एक कैफे में ले जाकर रात भर उसका शोषण किया। यह उसकी जिंदगी का पहला काला दिन था, लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। अगले दिन, 30 मार्च को समीर नाम के युवक ने उसे जबरदस्ती बाइक पर बिठाया और नदेसर में छोड़ दिया, जहां उसने भी उसके साथ गलत हरकत की। यह घटना छात्रा को इतना सहमा गई कि वह रास्ता भटक गई।
रात भर भटकने के बाद 31 मार्च को नदेसर में आयुष नाम के युवक ने उसे अपने चंगुल में ले लिया। आयुष ने अपने साथियों सोहेल, दानिश, अनमोल, साजिद, और जाहिर के साथ मलदहिया के एक कैफे में ले जाकर सामूहिक रूप से उसका शोषण किया। उन्होंने उसे मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकी दी, जिससे वह और ज्यादा डर गई। इस समय तक छात्रा पूरी तरह ब्लैक आउट हो चुकी थी। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था की, वह कहाँ जा रही है और उसे कहां जाना? आगे चलते चलते उसे इमरान मिला, जो उसे होटल में ले गया और नशीला पदार्थ खिलाकर रेप किया। यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा था। भटकते हुए साजिद ने उसे औरंगाबाद के एक गोदाम में ले जाकर हैवानियत की, फिर अपने दोस्त अमन के साथ किसी कमरे में रात भर उसका शोषण किया।
2 अप्रैल की सुबह उसे सिगरा मॉल के पास छोड़ दिया गया। वहां राज खान ने उसे हुकुलगंज के घर में नशीला पदार्थ खिलाने की कोशिश की, लेकिन उसने मना किया तो अस्सी में छोड़ दिया। 3 अप्रैल को वह अपनी सहेली के घर पहुंची और थकान से सो गई। शाम को घर लौटते वक्त दानिश ने उसे पकड़ लिया और अपने साथियों सोहेल, सोहैब, और एक अन्य के साथ कमरे में ले जाकर फिर से रेप किया। इससे तंग आकर वह फिर सहेली के घर लौटी और 4 अप्रैल को घर पहुंचकर अपनी आपबीती सुनाई। पीड़िता की मां ने बताया कि उनकी बेटी के साथ शहर के अलग-अलग कोनों में इस तरह की वारदातें हुईं। भटकती हुई उस मासूम का हर किसी ने फायदा उठाने की कोशिश की
Kashi gangrape case : पीएम मोदी ने ली केस की अपडेट
11 अप्रैल 2025 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी पहुंचे, तो एयरपोर्ट पर उतरते ही उन्होंने पुलिस कमिश्नर से कहा कि, “कोई भी गुनहगार बचेगा नहीं!” उनकी यह सख्त टिप्पणी पुलिस के लिए एक चेतावनी थी। इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई और हाईप्रोफाइल लोगों की गिरफ्तारी की संभावना जताई गई। पीएम की निगरानी में अब इस मामले में बड़े खुलासे होने की उम्मीद है, जिसमें राजनीतिक और प्रभावशाली चेहरे भी शामिल हो सकते हैं। यह काशी के लिए इंसाफ की एक नई सुबह का संकेत है। पुलिस के लिए यह मामला एक जटिल पहेली है। 23 आरोपियों में से अभी सिर्फ 12 की पहचान हुई है और 11 की तलाश जारी है। छात्रा ने जिन्हें पहचाना, उनके बारे में पुलिस को बता दिया है और अब पकड़े गए लोगों की मदद से बाकी आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश हो रही है। पुलिस का दावा है कि वे हर संभव कोशिश कर रहे हैं। फोरेंसिक जांच सच को उजागर करेंगे और सभी आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलवाएंगे।
रिपोर्ट -आस्था पूरी