Delhi : बाल सुधार गृह में किशोर की पीट-पीटकर हत्या, नहाने को लेकर हुआ झगड़ा!
Delhi : देश की राजधानी दिल्ली से एक बेहद चौंकाने वाली और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। दिल्ली के एक बाल सुधार गृह (जुवेनाइल होम) में एक किशोर की उसके ही साथियों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि यह झगड़ा सिर्फ़ नहाने की बारी को लेकर शुरू हुआ था, लेकिन देखते ही देखते यह मामूली कहासुनी हिंसक झड़प में बदल गई, जिसका अंत एक मासूम की मौत पर हुआ। यह घटना राजधानी के फतेहपुर बेरी इलाके में स्थित एक बाल सुधार गृह की है, जहां किशोर अपराधियों को पुनर्वास और सुधार के उद्देश्य से रखा जाता है। लेकिन यहां जिस तरह से एक किशोर की जान ली गई, उसने प्रशासन की कार्यप्रणाली और सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। 

Delhi : क्या है पूरा मामला?
सूत्रों के मुताबिक, मृतक किशोर की उम्र लगभग 17 वर्ष थी और वह एक मामूली चोरी के मामले में हिरासत में था। घटना उस वक्त हुई जब सुबह के समय नहाने की बारी को लेकर दो किशोरों के बीच कहासुनी हो गई। बहस इतनी बढ़ गई कि कुछ अन्य किशोर भी इस झगड़े में कूद पड़े और पीड़ित किशोर की लात-घूंसों और लकड़ी के डंडों से बेरहमी से पिटाई कर दी गई। पिटाई के बाद जब वह किशोर बेहोश हो गया तो अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
Delhi : कितने लोग शामिल थे?
प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि इस वारदात में 4 से 5 अन्य किशोर शामिल थे। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद सभी संदिग्धों की पहचान कर ली है और उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। हालांकि यह मामला किशोरों से जुड़ा है, इसलिए कानूनी प्रक्रिया के तहत इन्हें जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष पेश किया जाएगा, और वहां से निर्णय लिया जाएगा कि उन्हें बाल अपराधी मानते हुए किस श्रेणी में सज़ा दी जाएगी।Delhi : बाल सुधार गृह की व्यवस्था पर सवाल
यह घटना सवाल उठाती है कि जब एक सुधार गृह में 24 घंटे निगरानी और देखरेख की व्यवस्था होनी चाहिए, तो इस तरह की हिंसक घटना कैसे हो सकती है? बाल सुधार गृहों को ऐसे स्थान के रूप में देखा जाता है जहां किशोर अपराधियों को अपराध से दूर रखने और उनके मानसिक एवं सामाजिक सुधार की प्रक्रिया चलाई जाती है। लेकिन जब ऐसे संस्थानों में ही सुरक्षा की धज्जियां उड़ती दिखें, तो देश के पूरे किशोर न्याय तंत्र पर सवाल उठना लाज़िमी है। मृतक किशोर के परिजनों को जब इस घटना की जानकारी दी गई, तो घर में कोहराम मच गया। पीड़ित की मां ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमने सोचा था कि वहां सुधार होगा, लेकिन अब वो कभी वापस नहीं आएगा... क्या यही सुधार गृह है जहां बच्चा जिंदा नहीं रह सका?” परिजनों ने सुधार गृह प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की है।