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Dehradun : वंदे भारत एक्सप्रेस से स्मैक की तस्करी, लिव इन पार्टनर गिरफ्तार!

Dehradun : उत्तराखंड में नशे की तस्करी लगातार बढ़ रही है, और तस्कर अब इसे अंजाम देने के लिए नए-नए तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। देहरादून पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई में वंदे भारत एक्सप्रेस से 100 ग्राम स्मैक की तस्करी कर रहे एक प्रेमी युगल को गिरफ्तार किया है। यह युगल पिछले छह साल से लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहा था।

पुलिस की यह सफलता न केवल नशे के कारोबार पर एक महत्वपूर्ण चोट है, बल्कि यह भी दिखाती है कि तस्करों ने अब तस्करी के लिए सुरक्षित माने जाने वाले रेल मार्गों का इस्तेमाल भी शुरू कर दिया है।

Dehradun : मुरादाबाद से देहरादून आ रहे थे तस्कर

गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान मुरादाबाद निवासी अमित सिंह और पम्मी बालियान के रूप में हुई है। पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि ये लोग लखनऊ से आने वाली वंदे भारत ट्रेन से मुरादाबाद से देहरादून आ रहे हैं।

इस इनपुट के आधार पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) की टीम पहले से ही देहरादून रेलवे स्टेशन पर तैनात थी। जैसे ही दोनों स्टेशन पर उतरे, उन्हें धर दबोचा गया।

पूछताछ में पता चला कि दोनों पिछले छह साल से लिव-इन में रह रहे हैं और मुरादाबाद में कुत्ता और सुअर पालन का काम करते हैं। बताया जा रहा है कि ज्यादा पैसे कमाने की लालच में वे नशे की तस्करी के धंधे में उतर गए।

उन्हें उत्तराखंड, खासकर देहरादून, इस काम के लिए एक मुफीद जगह लगी, जहाँ उन्हें लगता था कि वे आसानी से अपनी खेप बेच सकते हैं। पकड़ी गई 100 ग्राम स्मैक की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 10 लाख रुपये आंकी गई है।

Dehradun : जांच जारी, सप्लाई चेन की तलाश

एनसीबी के निदेशक देवानंद ने इस मामले पर बताया कि दोनों आरोपियों से गहन पूछताछ की जा रही है। उनका मुख्य मकसद यह पता लगाना है कि उन्हें यह स्मैक कहाँ से मिली थी और वे इसे देहरादून में किसे सप्लाई करने वाले थे।

इस जांच से पूरे सप्लाई चेन का खुलासा होने की उम्मीद है। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

देहरादून पुलिस और एनसीबी ने इस गिरफ्तारी से एक मजबूत संदेश दिया है कि नशे के कारोबार से जुड़े किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उत्तराखंड, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है, हाल के वर्षों में नशे की समस्या से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में चल रहे 'नशा मुक्त उत्तराखंड' अभियान के तहत इस तरह की कार्रवाई लगातार की जा रही है।

इस घटना ने एक बार फिर से इस बात पर जोर दिया है कि नशे के तस्कर अब युवाओं को निशाना बनाने और अपने नेटवर्क को फैलाने के लिए हर संभव रास्ता अपना रहे हैं। पुलिस और प्रशासन को अब न केवल तस्करों को पकड़ना है, बल्कि युवाओं को भी नशे के खतरों के प्रति जागरूक करना है। वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी प्रतिष्ठित ट्रेन का इस्तेमाल तस्करी के लिए होना, एक नया और चिंताजनक ट्रेंड है, जिस पर सुरक्षा एजेंसियों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

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