Chardham Yatra: बीमार और बुजुर्ग लोगों की जान की लगी कीमत, स्वास्थ सेवाओं की अव्यवस्थाओं की खुली पोल । Nation One
Chardham Yatra: 6 मई से Char Dham य़ात्रा शुरू हो चुकी है । जिसके चलते क्षद्धालुओं में काफी उत्साह भी उमड़ा लेकिन अब क्षद्धालुओं का ये उत्साह तकलीफ के मंज़र पर तखदील होता नजर आ रहा है ।
जी हां बता दें कि, चारधाम यात्रा शुरू होने के 6 दिन के अंदर ही केदारनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री जाने वाले 20 यात्रियों की मौत हो चुकी है ।
यात्रियों की मौत सरकार और स्वास्थ सेवाओं की लापरवाही बताई जा रही है । सरकार और स्वास्थ विभाग ने यात्रा मार्गों पर स्वास्थ सोवाओं के सभी इंतजाम होने के बड़े-बड़े दावे किए थे जो की बिल्कुल झूठ साबित होते देखे जा रहे है ।
Chardham Yatra: किस वजह से हुई इतनी मौते
जानकारी है कि, सोमवार को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में 14 यात्रियों की मौत की खबर सामने आई है । इनके अलावा केदारनाथ में पांच और बदरीनाथ में एक क्षद्घालु की मौत की खबर है । इस तरह 6 दिन में 20 तीर्थयात्रियों की मौत की खबर सामने आई है ।
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कोविड महामारी के लंबे समय बाद चारधाम यात्रा के कपाट खोले गए है, ऐसे में अधिक यात्री दर्शन के लिए पहुंच रहे है । जिसके चलते उन्हें अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ रहा है ।
बता दे कि, ऊंचाई वाले क्षेत्रों के पैदल रास्ते में ठंड के साथ ऑक्सीजन की कमी भी हो जाती है । जिसकी वजह से शुगर, कैंसर, अस्थमा, व दमा के मरीजो को तबीयत बिगड़ने का खतरा रहता है ।
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सरकार और स्वास्थ विभाग को यात्रियों के स्वास्थ को लेकर सभी व्यवस्थाओं का कडा इंतजाम रखना चाहिए । परंतु यह तो दूर की बात है पैदल मार्ग में ना तो ठहरने का इंतजाम देखे गए और ना ही स्वास्थ के ।
इस समस्या पर क्या बोली स्वास्थ महानिदेशक
हालांकी स्वास्थ महानिदेशक डॉ. शैलेजा भट्ट का कहना है यदि कोई यात्री पहले से कोई बिमारी से जूझ रहा है तो उसे यात्रा शुरू करने से पहले एक बार डॉक्टर से अपना मैडिकल चैकअप करवाना चाहिए और डॉक्टर की सलाह जानकर ही ऊंचाई वाली यात्रा पर जाना चाहिए ।
आगे कहां कि, चारधाम यात्रा के मार्ग पर जगह- जगह डॉ. तैनात किए गए है जो यात्रियों का B.P, ऑक्सिजन लैवल व अन्य जरूरी जांच यात्रा के दौरान कर रहे है।
साथ ही दवाईयों और एंबुलेंस का भी पूरा इंतजाम किया गया है । लेकिन यात्री खुद ही कम समय में य़ात्रा खत्म करने के जोश में अपना चैकअप नही करा रहे है और आगे बढ़ रहे है । जिसके बाद ऊंचाई वाले मार्ग पर पहुंचने के बाद उन्हें स्वास्थ की तकलीफ हो रही है और वे मौत के घाट उतर रहे है ।