Uttarakhand : उत्तराखंड की पहाड़ियों में इस बार बुरांस के फूलों की महक सिर्फ वनों तक सीमित नहीं रही, बल्कि महिलाओं के जीवन में भी नई ऊर्जा लेकर आई है। पौड़ी जिले की ग्रामीण महिलाएं अब बुरांस के फूलों से अपनी आमदनी का रास्ता खुद बना रही हैं। हाल ही में महिलाओं ने 24 कुंतल बुरांस के फूलों की सफल आपूर्ति कर एक मिसाल कायम की है, जिससे उन्हें अच्छी-खासी आर्थिक मदद मिली।
पहाड़ी इलाकों में प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर स्वरोजगार की दिशा में यह कदम न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि एक मजबूत ग्रामीण अर्थव्यवस्था की ओर इशारा भी करता है। बुरांस के फूलों से तैयार होने वाले उत्पाद—जैसे कि शरबत, स्क्वैश, जैम और हर्बल चाय—आज के समय में हेल्थ प्रोडक्ट्स की कैटेगरी में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।
Uttarakhand : महिलाओं के लिए रोज़गार
प्रति कुंतल करीब 3500 रुपये की दर से इन फूलों की खरीद हुई है, जिससे इन महिलाओं की आमदनी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। इससे न सिर्फ उनका आत्मविश्वास बढ़ा है, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार की संभावनाएं भी खुली हैं।
इस पूरी प्रक्रिया में महिलाएं खुद फूलों को तोड़ने, उन्हें सुखाने और पैकिंग करने तक का सारा काम संभाल रही हैं। इससे उन्हें न सिर्फ आर्थिक लाभ हो रहा है बल्कि पारंपरिक ज्ञान का संरक्षण भी हो रहा है।
बुरांस अब फूल भर नहीं, ये महिलाओं के लिए रोज़गार, आत्मनिर्भरता और सम्मान की पहचान बन चुका है। पहाड़ों में ऐसी कहानियां धीरे-धीरे बदलाव की नई इबारत लिख रही हैं—जहाँ महिलाएं सिर्फ घर तक सीमित नहीं, बल्कि आर्थिक नेतृत्व में भी आगे खड़ी हैं।
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