UP : किसानों के लिए योगी सरकार ने शुरू की ये स्कीम, ऐसे मिलेगा फायदा
UP : उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. राज्य ने भारत की पहली कार्बन क्रेडिट फाइनेंस स्कीम की शुरुआत की है, जिसके तहत किसानों को उनके पर्यावरण-अनुकूल प्रयासों, विशेष रूप से वृक्षारोपण के माध्यम से कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जा रहा है. यह योजना न केवल हरित भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, बल्कि किसानों के लिए आय का एक नया और टिकाऊ स्रोत भी खोल रही है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या धाम में आयोजित राज्यव्यापी वृक्षारोपण अभियान 'एक पेड़ मां के नाम 2.0' के दौरान इस महत्वाकांक्षी योजना का शुभारंभ किया. यह अभियान, जिसने इस वर्ष 37.21 करोड़ पौधे रोपकर एक नया रिकॉर्ड बनाया है, यूपी सरकार की पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
पिछले आठ वर्षों में, राज्य में 240 करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप 2017 से अब तक राज्य का हरित क्षेत्र लगभग 5 लाख एकड़ बढ़ गया है. वर्तमान में, उत्तर प्रदेश का वन और वृक्ष आवरण राज्य के भौगोलिक क्षेत्र का 9.18% से बढ़कर लगभग 10% हो गया है.
UP : किसानों को सीधे लाभ
इस अभिनव योजना के तहत, सरकार ने पहले ही 244 किसानों को ₹49.55 लाख का वितरण कर दिया है. यह राशि उन किसानों को दी गई है जिन्होंने कृषि वानिकी (Agroforestry) प्रथाओं को अपनाकर कार्बन क्रेडिट अर्जित किए हैं. अगले चरण में, 401 और किसानों को ₹25.45 लाख दिए जाने की योजना है, जिससे इस पहल का दायरा और बढ़ेगा.
योजना के पहले चरण में गोरखपुर, बरेली, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद और सहारनपुर मंडलों के किसानों को शामिल किया गया है. इन मंडलों में किसानों को मिलने वाले प्रोत्साहन राशि का विवरण इस प्रकार है:
* गोरखपुर: 2,406 किसानों को ₹34.66 करोड़
* बरेली: 4,500 किसानों को ₹24.84 करोड़
* लखनऊ: 2,512 किसानों को ₹21.26 करोड़
* मेरठ: 3,754 किसानों को ₹21.67 करोड़
* मुरादाबाद: 4,697 किसानों को ₹38.05 करोड़
* सहारनपुर: 7,271 किसानों को ₹61.52 करोड़
यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि सरकार बड़े पैमाने पर किसानों को सीधे आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे उन्हें पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहन मिल रहा है.
UP : पूरे राज्य में लागू करने की योजना
कार्बन क्रेडिट फाइनेंस स्कीम का कार्यान्वयन चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है. पहले चरण की सफलता के बाद, दूसरे चरण में इसे देवी पाटन, अयोध्या, झांसी, मिर्जापुर, कानपुर, वाराणसी और अलीगढ़ मंडलों में विस्तारित किया जाएगा.
अंततः, तीसरे चरण में, यह योजना पूरे राज्य में लागू की जाएगी, जिससे उत्तर प्रदेश के हर कोने में किसान इस पहल का लाभ उठा सकेंगे और हरित क्रांति में अपना योगदान दे सकेंगे.
UP : कार्बन क्रेडिट क्या है और यह किसानों को कैसे लाभ पहुंचाता है?
कार्बन क्रेडिट एक प्रकार की पर्यावरणीय मुद्रा है जो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी को दर्शाती है. प्रत्येक कार्बन क्रेडिट एक टन कार्बन डाइऑक्साइड समतुल्य (CO2e) के उत्सर्जन में कमी, हटाने या ऑफसेट का प्रतिनिधित्व करता है.
सरल शब्दों में, जब कोई किसान अपने खेत में पेड़ लगाता है, तो वे कार्बन डाइऑक्साइड को वातावरण से अवशोषित करते हैं, जिससे ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा कम होती है. इस कमी के लिए उन्हें कार्बन क्रेडिट मिलते हैं.
ये क्रेडिट कार्बन मार्केट में बेचे या व्यापार किए जा सकते हैं, जिससे किसानों को अतिरिक्त आय होती है. उत्तर प्रदेश सरकार की इस योजना के तहत, किसान प्रति पेड़ ₹250 से ₹350 अतिरिक्त कमा सकते हैं, जो उनकी पारंपरिक कृषि आय के पूरक के रूप में कार्य करता है. यह आय का एक नया और स्थायी स्रोत प्रदान करता है, जिससे किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ती है.
राज्य सरकार के अनुसार, वन-कृषि (एग्रोफॉरेस्ट्री) के माध्यम से यूपी के किसानों ने अब तक 42.19 लाख कार्बन क्रेडिट उत्पन्न किए हैं. द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (TERI) के साथ साझेदारी में चल रही इस योजना के तहत, प्रति क्रेडिट $6 की दर से हर पांच साल में वितरण होता है. यह मॉडल सुनिश्चित करता है कि किसानों को उनके पर्यावरणीय योगदान के लिए नियमित रूप से पुरस्कृत किया जाए.
UP : भारत के 2070 के कार्बन न्यूट्रैलिटी लक्ष्य में महत्वपूर्ण भूमिका
भारत सरकार ने 2070 तक कार्बन न्यूट्रैलिटी प्राप्त करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है. उत्तर प्रदेश की यह कार्बन क्रेडिट फाइनेंस स्कीम इस राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
कृषि वानिकी को बढ़ावा देकर और किसानों को कार्बन सिंक बनाने के लिए प्रोत्साहित करके, यह योजना न केवल राज्य स्तर पर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम कर रही है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है.
सरकार के अनुसार, 2024 से 2026 तक 25,140 किसानों को ₹202 करोड़ के प्रोत्साहन मिलेंगे. यह बड़े पैमाने पर निवेश दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश सरकार पर्यावरण संरक्षण को आर्थिक विकास से जोड़ने के लिए कितनी गंभीर है. यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी एक मॉडल के रूप में काम कर सकती है कि कैसे पर्यावरण-अनुकूल नीतियों को किसानों की आजीविका में सुधार के लिए एकीकृत किया जा सकता है.
संक्षेप में, उत्तर प्रदेश की कार्बन क्रेडिट फाइनेंस स्कीम एक दूरदर्शी पहल है जो किसानों की आर्थिक समृद्धि और पर्यावरणीय स्थिरता के बीच एक सेतु का निर्माण करती है. यह न केवल राज्य के हरित आवरण को बढ़ा रही है बल्कि किसानों को जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों में सक्रिय भागीदार बनने के लिए भी सशक्त बना रही है, जिससे एक स्वस्थ और समृद्ध भविष्य की नींव रखी जा रही है.
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