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UP : अब व्हाट्सएप पर आएगा गाड़ियों का चालान, परिवहन विभाग की नई पहल से चालकों को मिलेगी बड़ी राहत!

UP : उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के लिए एक बड़ा और आधुनिक कदम उठाया है। अब राज्य में ट्रैफिक चालान सीधे WhatsApp के जरिए भेजे जाएंगे।

यह पहल न सिर्फ चालान की जानकारी समय पर उपलब्ध कराएगी, बल्कि भुगतान की प्रक्रिया को भी बेहद आसान बना देगी। इस नई व्यवस्था के साथ, उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसने इस तरह की डिजिटल सुविधा को अपनाया है।

परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने बताया कि 10 अगस्त से यह सेवा शुरू हो गई है। इसका मुख्य उद्देश्य चालान से जुड़ी उन समस्याओं को दूर करना है, जिनका सामना वाहन मालिकों को अक्सर करना पड़ता था।

पहले चालान की जानकारी देर से मिलने, डाक के माध्यम से न पहुंचने या भुगतान के लिए सरकारी पोर्टल पर जाकर कई जटिल प्रक्रियाओं से गुजरने जैसी शिकायतें आम थीं। इन समस्याओं को देखते हुए विभाग ने यह नई व्यवस्था लागू की है, जिसमें पारदर्शिता और सुविधा दोनों का ध्यान रखा गया है।

UP : चरणबद्ध तरीके से लागू होगी नई व्यवस्था

यह पहल दो चरणों में लागू की जाएगी। पहले चरण में, जनवरी 2024 से जुलाई 2025 के बीच जारी किए गए 14 लाख से अधिक ई-चालानों को WhatsApp के माध्यम से भेजा जाएगा।

इसके बाद, दूसरे चरण में, वर्ष 2022 और 2023 के लंबित ई-चालानों की जानकारी भी इसी चैटबॉट के जरिए भेजी जाएगी। यह चरणबद्ध प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि सभी लंबित मामलों को भी इस नई डिजिटल व्यवस्था में शामिल किया जा सके।

परिवहन विभाग ने एक सत्यापित WhatsApp चैटबॉट तैयार किया है, जिसका नंबर 8005441222 है। यह नंबर ब्लू टिक वेरिफाइड है, जो इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि करता है। जब किसी वाहन का चालान कटेगा, तो यह चैटबॉट वाहन मालिक के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर चालान का पूरा ब्योरा, उल्लंघन का विवरण और भुगतान के लिए एक आधिकारिक लिंक भेजेगा।

UP : भुगतान प्रक्रिया और सुरक्षा के निर्देश

यह नई व्यवस्था न सिर्फ सुविधा प्रदान करती है, बल्कि सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखती है। परिवहन आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि भुगतान केवल आधिकारिक सरकारी पोर्टल echallan.parivahan.gov.in पर ही मान्य है। उन्होंने आगाह किया है कि विभाग किसी भी क्यूआर कोड, यूपीआई या सीधे बैंक खाते में चालान की राशि स्वीकार नहीं करता है।

यह महत्वपूर्ण जानकारी इसलिए दी गई है, ताकि लोग साइबर धोखाधड़ी का शिकार न हों। यदि किसी को भी WhatsApp पर मैसेज आता है जिसमें क्यूआर कोड या यूपीआई के माध्यम से भुगतान करने को कहा जाता है, तो उसे पूरी तरह से अनदेखा करना चाहिए।

जिन लोगों को किसी वजह से WhatsApp पर चालान की सूचना नहीं मिलती है, वे सीधे परिवहन विभाग के पोर्टल पर जाकर अपनी गाड़ी का नंबर या चालान संख्या डालकर भुगतान की राशि और विवरण जान सकते हैं।

इसके अलावा, जिन लोगों को ऑनलाइन भुगतान करने में दिक्कत होती है, उनके लिए भी एक विकल्प मौजूद है। वे अपने नजदीकी एआरटीओ कार्यालय के काउंटर पर जाकर भी चालान का भुगतान कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि डिजिटल पहुंच से बाहर रहने वाले लोगों को भी कोई असुविधा न हो।

UP : भविष्य में परिवहन व्यवस्था का डिजिटलकरण

इस नई पहल से उत्तर प्रदेश में परिवहन व्यवस्था और भी ज्यादा पारदर्शी और कुशल बनने की उम्मीद है। यह न सिर्फ वाहन मालिकों को समय पर चालान भरने में मदद करेगा, बल्कि दलालों और बिचौलियों से भी छुटकारा दिलाएगा, जो अक्सर चालान भुगतान की प्रक्रिया में शामिल हो जाते थे।

यह कदम डिजिटलाइजेशन की दिशा में एक बड़ा प्रयास है, जो समय के साथ राज्य के अन्य विभागों में भी लागू हो सकता है। यह दिखाता है कि राज्य सरकार नागरिकों को बेहतर और आधुनिक सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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