UP News : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश की सांस्कृतिक विरासतों के संरक्षण के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी दिशा में अब सरकार ने राज्य के पुराने और ऐतिहासिक मंदिरों के संरक्षण और जीर्णोद्धार को लेकर बड़ा फैसला लिया है।
यह कदम धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और जनमानस की आस्था को संरक्षित रखने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है।
UP News : पुराने मंदिरों का होगा कायाकल्प
राज्य सरकार ने हाल ही में एक व्यापक योजना के तहत उन प्राचीन मंदिरों की सूची तैयार की है, जो दशकों से उपेक्षा का शिकार हैं। इनमें से कई मंदिर ऐतिहासिक, पौराणिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। योगी सरकार का लक्ष्य है कि इन मंदिरों का संरक्षण कर उन्हें धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाए।
योजना के तहत पहले चरण में जिन जिलों को शामिल किया गया है उनमें वाराणसी, अयोध्या, चित्रकूट, प्रयागराज, मथुरा, काशी, मेरठ, गोरखपुर, बलिया और लखनऊ प्रमुख हैं। सरकार ने हर जिले से कम से कम 5 ऐसे मंदिरों की पहचान करने के निर्देश दिए हैं, जिनकी मरम्मत, सौंदर्यीकरण और विकास की आवश्यकता है।
UP News : धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि उत्तर प्रदेश न केवल सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध है बल्कि यहां धर्म और आस्था की गहराई भी विशेष है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और विंध्याचल कॉरिडोर जैसी योजनाओं के बाद अब सरकार छोटे और कम प्रसिद्ध मंदिरों पर ध्यान दे रही है ताकि स्थानीय स्तर पर पर्यटन को प्रोत्साहन मिल सके।
सरकार का मानना है कि यह पहल धार्मिक स्थलों को केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि आर्थिक रूप से भी सशक्त बनाएगी। पर्यटन के बढ़ने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और क्षेत्र का विकास होगा।
UP News : बजट और कार्य योजना
योगी सरकार ने मंदिरों के संरक्षण के लिए विशेष बजट आवंटित किया है। पहले चरण में लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस धनराशि का उपयोग मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण, सड़क और यातायात व्यवस्था, पेयजल, शौचालय, लाइटिंग और श्रद्धालुओं के लिए बैठने की व्यवस्था पर किया जाएगा।
संस्कृति विभाग और पर्यटन विभाग की संयुक्त निगरानी में यह योजना लागू की जा रही है। जिलों के डीएम को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे स्थानीय मंदिरों का सर्वे करवाएं और उसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपें।
UP News : स्थानीय पंडितों और पुजारियों की भूमिका
इस योजना में स्थानीय पुजारियों और पंडितों को भी शामिल किया जाएगा ताकि मंदिरों की पारंपरिक व्यवस्था को बरकरार रखा जा सके। सरकार चाहती है कि जीर्णोद्धार के दौरान धार्मिक रीति-रिवाज और परंपराएं प्रभावित न हों। इसीलिए योजना में स्थानीय लोगों की भागीदारी को अनिवार्य किया गया है।
सीएम योगी का कहना है कि “हमारी सरकार आस्था के साथ-साथ विकास को भी प्राथमिकता देती है। मंदिर केवल पूजा का स्थल नहीं बल्कि हमारी सांस्कृतिक आत्मा हैं। उनका संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है।”
योगी सरकार पहले भी अपने कार्यकाल में कई धार्मिक स्थलों के विकास को लेकर बड़े कदम उठा चुकी है। चाहे वह मथुरा-वृंदावन में ब्रज क्षेत्र का विकास हो, अयोध्या में दीपोत्सव कार्यक्रम हो या काशी विश्वनाथ धाम का जीर्णोद्धार, सभी योजनाओं ने प्रदेश को वैश्विक धार्मिक मानचित्र पर स्थापित किया है।
UP News : जनसहयोग से बनेगी योजना और भी प्रभावी
सरकार ने यह भी साफ किया है कि अगर कोई समाजसेवी संस्था, एनजीओ या स्थानीय व्यक्ति इस काम में सहयोग करना चाहे, तो उन्हें भी योजना में सम्मिलित किया जाएगा। इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल बनाया जाएगा, जिस पर इच्छुक लोग मंदिर संरक्षण से जुड़ सकते हैं।
योगी सरकार का यह निर्णय न केवल धार्मिक धरोहरों को नई पहचान देगा, बल्कि आस्था, पर्यटन और रोजगार के नए आयाम भी खोलेगा। लंबे समय से उपेक्षित मंदिरों को नया जीवन मिलेगा और उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान और मजबूत होगी। जनता की भागीदारी से यह प्रयास और भी व्यापक व सफल हो सकता है। आने वाले समय में यह योजना उत्तर प्रदेश को सांस्कृतिक रूप से एक नई ऊंचाई पर ले जा सकती है।
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