शिक्षक भर्ती : 31161 अभ्यर्थियों की सूची जारी, 16 को मिलेंगे नियुक्ति पत्र | Nation One
लखनऊः यूपी के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के क्रम में बेसिक शिक्षा विभाग ने सोमवार को 31661 अभ्यर्थियों की सूची जारी कर दी. 31661 शिक्षकों को 16 अक्टूबर को नियुक्ति पत्र मिलेगा.
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद, प्रताप सिंह बघेल ने बताया कि 31661 पदों के सापेक्ष 31277 की अनंतिम सूची जारी हुई है. एनआईसी 13 को जिलों में सूची भेजेगी. इसके बाद 14 व 15 अक्टूबर को जिलों में काउंसिलिंग होगी. इसके बाद 16 अक्टूबर को नियुक्ति पत्र का वितरण होगा.
शिक्षक भर्ती के 31277 अभ्यर्थियों में, 15933 सामान्य, 8513 ओबीसी, 6615 एससी तथा 216 एसटी वर्ग के हैं. प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा विभाग में 69000 सहायक शिक्षकों में से 31661 सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका की परिधि से बाहर थे. इन सभी को प्रदेश सरकार ने तैनाती दे दी है.
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 31661 शिक्षक भर्ती की जिला आवंटन सूची आ गई है. 69000 भर्ती के सापेक्ष तैयार 67867 अभ्यर्थियों की जिला आवंटन सूची से ही अधिक गुणांक वालों को सूचीबद्ध किया गया है. विभागीय अफसरों को यह सूची भेजी गई उनकी सहमति मिलते ही इसे घोषित कर दिया गया.
अभ्यर्थी परिषद की वेबसाइट पर इसे देख सकेंगे. जिलों में नियुक्ति के लिए काउंसिलिंग कराने की तारीखें व अन्य निर्देश भी जारी हो सकते हैं. परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापकों की जगह 31661 पदों पर चयन होना है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में भर्ती के कटऑफ अंक प्रकरण की सुनवाई पूरी हो चुकी है. फैसला सुरक्षित है.
आपको बता दें कि इस भर्ती को लेकर कई विवाद सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं पर, सुप्रीम कोर्ट का फैसला अब तक जारी नहीं हुआ है. इस बीच मुख्यमंत्री के आदेश पर विभाग ने सूची जारी कर दी है. सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने अभ्यर्थियों के प्राप्त पूर्णांक में संशोधन के भी आदेश दिए हैं जिस पर बेसिक शिक्षा विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है. ऐसे में फिर से विवाद होना लगभग तय है.
शिक्षक भर्ती परीक्षा के आवेदन पत्र में इंटरमीडिएट पूर्णांक के कॉलम में अर्चना चौहान ने 500 की जगह 5000 लिख दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने 2 सितंबर को फॉर्म में संशोधन के आदेश दिए थे. इसके बाद हाईकोर्ट ने भी लक्ष्मी देवी व 13 अन्य, धर्मेन्द्र कुमार व एक अन्य, ऊषा कुमारी व तीन अन्य, हरेन्द्र वर्मा व 62 अन्य आदि के मामलों में संशोधन के आदेश दिए हैं लेकिन, बेसिक शिक्षा विभाग ने संशोधन पर अब तक कोई अमल नहीं किया है.
अर्चना चौहान के भाई हिमांशु राणा का कहना है कि बिना संशोधन का अवसर दिए सूची जारी होती है तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना का केस करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा.