बाजार में कम होने लगी चीनी की कीमतें

मुंबई


रिफाइनरी और मिलों द्वारा पांच लाख टन तक की कच्ची चीनी के शुल्क मुक्त आयात को सरकार से अनुमति मिलने के बाद भारतीय बाजार में चीनी की कीमत गिरने लगी है। इस दबाव की मुख्य वजह यह है कि वैश्विक बाजार में चीनी के दामों में तेज गिरावट आई है जिसने 40 प्रतिशत शुल्क पर भी इसके आयात को आसान कर दिया है। हालांकि चालू महीने में आयातित चीनी पर व्यापारियों को शुल्क नहीं चुकाना होगा लेकिन जुलाई में आने वाले स्टॉक के लिए उन्हें 5 प्रतिशत का आईजीएसटी चुकाना पड़ सकता है। सूत्रों के अनुसार घरेलू बाजार के हालात को देखते हुए शुल्क मुक्त पांच लाख टन कोटे वाली पूरी चीनी के खपने में संदेह लग रहा है। पिराई सीजन के निकट होने के बावजूद थोक बाजार में इस कोटे की घोषणा के बाद कीमतों में प्रति किलोग्राम एक रुपए की कमी नजर आई है। मिलों की आपूर्ति बढ़ने के कारण ऐसा हुआ है। उद्योग के एक कार्यकारी के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 11 नंबर की बैंचमार्क चीनी का अनुबंध मूल्य 4 महीनों से भी कुछ कम समय में 30 प्रतिशत घट गया है। फिलहाल यह प्रति पौंड 14.1 सेंट पर चल रहा है। कुछ दिन पहले यह 14 सेंट के नीचे के स्तर पर चल रहा था। अगर कीमतें मंद रहती हैं तो 40 प्रतिशत के शुल्क के बावजूद भारत में चीनी का आयात होने लगेगा।

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