वेब स्टोरी

News : CBSE का बड़ा ऐलान, अब साल में दो बार होगी 10वीं की बोर्ड परीक्षा, पढ़ें!
News : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने देशभर के लाखों छात्रों के लिए एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाएगी। इस नई परीक्षा प्रणाली को वर्ष 2025 से लागू किया जाएगा। CBSE के इस कदम का उद्देश्य विद्यार्थियों को अधिक लचीलेपन, अवसर और मानसिक तनाव से राहत प्रदान करना है। नई व्यवस्था के तहत छात्रों को दो अवसर मिलेंगे, जिससे वे अपनी क्षमताओं के अनुरूप सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकेंगे। यह फैसला राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है, जो "बहु-अवसर मूल्यांकन" (multiple attempts) की वकालत करती है।

News : क्या है नई व्यवस्था?

CBSE द्वारा घोषित नई प्रणाली के तहत:
  • कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा अब साल में दो बार आयोजित की जाएगी।
  • छात्र दोनों परीक्षाओं में शामिल हो सकेंगे, लेकिन उनके लिए केवल सबसे अच्छे स्कोर को ही अंतिम परिणाम में जोड़ा जाएगा।
  • यह व्यवस्था वैकल्पिक होगी यानी छात्र चाहें तो एक ही परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।
  • पहली परीक्षा का आयोजन मार्च में और दूसरी अक्टूबर या नवंबर में किया जाएगा।
  • छात्रों को दोनों परीक्षाओं में अलग-अलग प्रश्न पत्र मिलेंगे, जिससे वे अपनी तैयारी के अनुसार बेहतर प्रयास कर सकें।
CBSE के चेयरमैन ने कहा कि "यह फैसला छात्रों के हित में है। अब वे परीक्षा के दबाव में नहीं आएंगे और अपनी कमजोरियों को सुधारने का एक और मौका पा सकेंगे।" News

News : NEP 2020 की सिफारिशों का परिणाम

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य छात्रों को जटिलता से मुक्त करना और उनमें सीखने की रुचि बढ़ाना है। CBSE की नई प्रणाली उसी दिशा में एक मजबूत कदम है। नीति में कहा गया था कि छात्रों को अधिक अवसर मिलने चाहिए ताकि वे परीक्षा में कम दबाव महसूस करें और अपनी क्षमताओं को बेहतर ढंग से प्रदर्शित कर सकें। सरकार और बोर्ड का मानना है कि इस नई व्यवस्था से “सीखने का दबाव” कम होगा और “सीखने की गुणवत्ता” बढ़ेगी।

News : छात्रों को कैसे मिलेगा लाभ?

  • कम होगा मानसिक तनाव: परीक्षा में खराब प्रदर्शन का डर अब छात्रों को परेशान नहीं करेगा, क्योंकि वे दो मौके पा सकेंगे।
  • बेहतर तैयारी का अवसर: पहले परीक्षा में जो विषय कमजोर रहे, छात्र उन्हें दोबारा पढ़कर दूसरी परीक्षा में सुधार कर सकते हैं।
  • खुद की क्षमता को परखने का विकल्प: छात्र यह तय कर सकेंगे कि उन्हें कब परीक्षा देनी है और कौन सा अटेम्प्ट उनके लिए सबसे अच्छा रहेगा।
  • संभावनाओं में वृद्धि: उच्च अंक प्राप्त करने की संभावना बढ़ेगी जिससे भविष्य में कॉलेज एडमिशन या प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मदद मिलेगी।

News : शिक्षकों और अभिभावकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया

हालांकि छात्रों ने इस फैसले का स्वागत किया है, लेकिन कुछ शिक्षकों और अभिभावकों के मन में इससे जुड़ी चिंताएं भी हैं। उनका मानना है कि दो बार बोर्ड परीक्षा कराना एक बड़ी प्रशासनिक चुनौती हो सकती है। दिल्ली के एक शिक्षक ने कहा, “छात्रों के लिए यह राहत की बात है, लेकिन स्कूलों को पढ़ाई और परीक्षा के कार्यक्रम को दो बार मैनेज करना होगा, यह काफी जटिल हो सकता है।” वहीं एक अभिभावक ने कहा, “अगर बच्चा पहली परीक्षा में अच्छा कर लेता है तो उसे दूसरी बार नहीं बैठना होगा, लेकिन अगर वो दोनों बार परीक्षा देगा, तो उस पर दोहरी मानसिक दबाव भी होगा। इसे कैसे बैलेंस किया जाएगा, ये देखना होगा।”

News : बोर्ड की तैयारी और बदलाव की योजना

CBSE ने स्पष्ट किया है कि इस नई प्रणाली के सफल क्रियान्वयन के लिए बोर्ड द्वारा पूरे देश में स्कूलों को दिशा-निर्देश और ट्रेनिंग दी जाएगी। प्रश्न पत्र निर्माण, मूल्यांकन प्रणाली, डेटा मैनेजमेंट, परीक्षा केंद्रों की योजना – हर चीज को दो बार संचालित करने की योजना बनाई जा रही है। इसके अलावा, बोर्ड यह भी सुनिश्चित करेगा कि दोनों परीक्षाएं एक समान स्तर की कठिनाई पर आधारित हों ताकि किसी भी छात्र को असमान परिस्थिति का सामना न करना पड़े। News

News : क्या 12वीं में भी लागू होगा यह सिस्टम?

फिलहाल CBSE ने यह प्रणाली केवल कक्षा 10वीं के लिए लागू करने की घोषणा की है। 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए यह फैसला भविष्य में छात्रों और शिक्षकों से फीडबैक लेकर लिया जाएगा। बोर्ड का कहना है कि पहले 10वीं में इस नई प्रणाली के परिणामों का विश्लेषण किया जाएगा और फिर आगे का रास्ता तय किया जाएगा। CBSE का यह फैसला भारतीय शिक्षा व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। इससे परीक्षा आधारित पढ़ाई से हटकर कौशल आधारित, सीखने पर आधारित शिक्षा की ओर कदम बढ़ेगा। जहां एक ओर यह छात्रों के लिए नई उम्मीद लेकर आया है, वहीं दूसरी ओर इसके कार्यान्वयन में कई चुनौतियां भी होंगी। यदि सही तरीके से लागू किया गया तो यह मॉडल आने वाले वर्षों में देश की परीक्षा प्रणाली को एक नई दिशा दे सकता है – एक ऐसी प्रणाली जो बच्चों की चिंता नहीं, उनके कौशल और क्षमता को प्राथमिकता देती हो। Also Read : NEWS : दुबई में खुलेगा CBSE का ऑफिस, PM Modi ने की घोषणा | Nation One

You Might Also Like

Facebook Feed