News : आवारा कुत्तों के लिए बनेंगे तीन शेल्टर होम, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हुआ फैसला!
News : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और उनसे जुड़ी समस्याओं को देखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, प्राधिकरण ने शहर में तीन डॉग शेल्टर होम बनाने के लिए जगहों का चयन कर लिया है।
यह पहल न केवल आवारा कुत्तों की देखभाल सुनिश्चित करेगी, बल्कि निवासियों की सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को भी दूर करने में मदद करेगी।
News : तीन जगहों पर बनेंगे शेल्टर होम
प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, इन शेल्टर होम का निर्माण पौवारी, जलपुरा और चूहरपुर में किया जाएगा। प्रत्येक शेल्टर होम के लिए 2000 वर्ग मीटर की जमीन आवंटित की गई है, जिसे जरूरत पड़ने पर 4000 वर्ग मीटर तक बढ़ाया जा सकेगा। यह योजना अगले महीने तक इन आश्रय स्थलों के संचालन के लिए एक उपयुक्त एजेंसी का चयन करने पर केंद्रित है।
प्राधिकरण ने इन शेल्टर होम के लिए एक व्यापक योजना तैयार की है। इन केंद्रों में आवारा कुत्तों की सभी जरूरतों, जैसे भोजन, चिकित्सा देखभाल और सुरक्षित रहने की जगह का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
News : अनुभव वाले एनजीओ को मिलेगी प्राथमिकता
इन शेल्टर होम को चलाने के लिए अनुभवी गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) और पशु कल्याण से जुड़ी संस्थाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। प्राधिकरण ने बुधवार को इस संबंध में एक निविदा पूर्व बैठक आयोजित की, और इच्छुक संगठन 25 अगस्त तक आवेदन कर सकते हैं। तकनीकी निविदा 27 अगस्त को खोली जाएगी, जिसके बाद तकनीकी मूल्यांकन और प्रस्तुति के आधार पर सबसे योग्य एजेंसी का चयन किया जाएगा।
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के महाप्रबंधक (स्वास्थ्य) आरके भारती ने बताया कि यह योजना पहले चरण में तीन शेल्टर होम स्थापित करने की है, और भविष्य में इनकी संख्या बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि चयनित एजेंसी को शुरुआत में सात साल का ठेका दिया जाएगा, जिसे तीन साल के लिए बढ़ाया जा सकता है।
News : डॉग लवर्स के लिए विशेष योजना
इस परियोजना का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसमें डॉग लवर्स को भी शामिल किया जाएगा। प्राधिकरण की योजना है कि पशु प्रेमियों को प्रशिक्षण दिया जाए ताकि वे आवारा कुत्तों की बेहतर देखभाल कर सकें। इसके अलावा, लोगों को आवारा कुत्तों को गोद लेने का विकल्प भी दिया जाएगा। यह पहल न केवल कुत्तों को एक स्थायी घर देगी, बल्कि समुदाय को भी इस नेक काम में शामिल होने का मौका मिलेगा।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब देश के कई हिस्सों में आवारा कुत्तों के हमले और उनसे जुड़ी अन्य समस्याएं चर्चा का विषय बनी हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, विभिन्न शहरों के प्राधिकरणों पर आवारा कुत्तों के प्रबंधन के लिए एक ठोस रणनीति बनाने का दबाव बढ़ गया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की यह पहल एक सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करती है कि कैसे शहरी निकाय इन चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।
यह योजना न केवल पशु कल्याण को बढ़ावा देगी, बल्कि समाज में मानव-पशु संबंधों को भी बेहतर बनाने में मदद करेगी। उम्मीद है कि यह मॉडल अन्य शहरों के लिए भी प्रेरणा बनेगा और भारत में आवारा पशुओं के प्रबंधन के तरीके में एक सकारात्मक बदलाव लाएगा।
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