News : इस कंपनी ने भारतीयों को लगाया 800 करोड़ का चूना, ED की जांच में आया सामने | Nation One
Updated: 29 December 2024Author: Nation One NewsViews: 62
News : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक विदेशी मुद्रा फर्म द्वारा कथित 800 करोड़ रुपये के पोंजी स्कीम घोटाले को लेकर चार्जशीट दायर की है। ईडी ने हाल ही में ऑक्टाफैक्स इंडिया, इसकी विदेश में परिचालन करने वाली कंपनी ऑक्टामार्केट्स के संस्थापक पावेल प्रोजोरोव, ऑक्टाफैक्स के भारतीय CEO अन्ना रुदैया और कुल 41 कंपनियों और संस्थाओं के अलावा नौ अन्य व्यक्तियों के खिलाफ दूसरा आरोपपत्र दायर किया है। पिछले चार से पांच सालों से ऑक्टाएफएक्स सोशल मीडिया से लेकर हर जगह दिखाई दे रहा था लेकिन शायद ही किसी को इसकी भनक लगी हो कि ये कंपनी में भारत में लोगों को ठगने के लिए शुरू की गई एक लंबी अवधि की पोंजी योजना थी।
News : निवेश को दोगुना, तीनगुना करने का वादा!
इंडियाटुडे के अनुसार, साल 2021 में पुणे के शिवाजीनगर पुलिस स्टेशन में दो से तीन दलालों और एजेंटों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज हुई थी। इसी आधार पर ED ने जांच शुरू की थी। ऑक्टाएफएक्स पर आरोप था कि विदेशी मुद्रा व्यापार के माध्यम से अपनी बचत को पांच महीने में दोगुना और आठ महीने में तीन गुना करने का वादा किया था और मूक-बधिर व्यक्तियों को ठगा था। जब उन्हें नुकसान हुआ तो दलालों के खिलाफ केस दर्ज करवाया था। दरअसल ऑक्टाएफएक्स ने कई ब्रोकर को अपने काम पर रखा था, जो लोगों को प्लेटफॉर्म में निवेश करने में मदद करते थे। ऐसे लोगों को कंपनी की तरफ से इंट्रोड्यूसर कहा जाता था। जो इंट्रोड्यूसर लोगों को निवेश करने के लिए लुभाने में कामयाब होते थे उन्हें लग्जरी कार, बाइक, सोने के सिक्के और सोने की छड़ें जैसी कई महंगी वस्तुएं उपहार में दी जाती थीं। एक तरफ जहां कंपनी पर ठगी के आरोप लग रहे हैं तो वहीं कंपनी ने सफाई में कहा है कि हमने कभी भी दोगुना, तीनगुणा लाभ का वादा नहीं किया है। 2011 से OctaFX ने एक ठोस प्रतिष्ठा स्थापित की है, दुनिया भर में हजारों संतुष्ट ग्राहक हैं जो हमारी गुणवत्ता और विश्वसनीयता की गवाही देते हैं। कंपनी के दावों के विपरीत, ईडी द्वारा हाल ही में की गई जांच से पता चला है कि ऑक्टाफैक्स ने भारत में मात्र नौ महीनों में ही 800 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं। हालांकि कमाई की सटीक जानकारी के लिए ईडी जांच कर रही है। ईडी ने कहा कि ऑक्टाफैक्स का भारत में कोई कार्यालय या कोई आधार नहीं है, लेकिन वह देश में कारोबार कर रहा है। ऑक्टाफैक्स पर व्यापारिक गतिविधियों में हेराफेरी करने का भी आरोप है, जिसके कारण निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है। वहीं धोखाधड़ी से एकत्रित किए गए पैसे को ई-वॉलेट और फर्जी संस्थाओं के खातों में भेज दिया गया।
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