News : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। जांच एजेंसियों को पता चला है कि इस हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों को बाकायदा मिलिट्री स्टाइल ट्रेनिंग दी गई थी। यह खुलासा जेल में बंद लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों से पूछताछ के दौरान सामने आया है।
सूत्रों के अनुसार, हमलावरों को ऐसी ट्रेनिंग दी गई थी जैसी पाकिस्तान की स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) देता है – यानी निशानेबाजी, गुरिल्ला लड़ाई और छिपने की रणनीतियाँ। बताया जा रहा है कि घाटी में फिलहाल 15-20 ऐसे आतंकी सक्रिय हैं जो विदेशी आतंकियों के छोटे समूहों को ट्रेन कर रहे हैं और उनका संचालन कर रहे हैं।
पहलगाम हमले में टूरिस्टों को निशाना बनाया गया था, जिसमें कई लोगों की मौत हुई। शुरुआती जांच इस ओर इशारा कर रही है कि हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी और इसमें लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का हाथ हो सकता है।
News : संदिग्धों को हिरासत में लिया गया
आतंकियों ने हथियारों को घाटी के अलग-अलग इलाकों में छिपा रखा था और मोबाइल नेटवर्क से बचते हुए सैटेलाइट फोन और कोडेड संदेशों के जरिए संपर्क में थे।
इस हमले के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने घाटी में संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर रखनी शुरू कर दी है। आतंकियों की धरपकड़ के लिए सर्च ऑपरेशन तेज़ कर दिया गया है और पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत कई स्थानीय संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
यह घटना साफ दर्शाती है कि आतंक का चेहरा भले बदल गया हो, लेकिन उसकी जड़ें अब भी गहरी हैं। सुरक्षा बलों के लिए यह एक और चेतावनी है कि दुश्मन की चालें अब कहीं ज़्यादा संगठित और खतरनाक होती जा रही हैं।
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