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News : उत्तराखंड में 'लोकल उत्पादों' को मिलेगा सरकारी समर्थन, सीएम धामी ने दिए सख्त निर्देश!

News : उत्तराखंड सरकार ने स्थानीय उत्पादों, विशेषकर महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) द्वारा बनाए गए सामानों को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी सरकारी कार्यक्रमों और समारोहों में महिला समूहों द्वारा निर्मित स्मृति चिन्ह, शॉल और अन्य उपहारों के अनिवार्य उपयोग का आदेश दिया है। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' और 'लोकल फॉर वोकल' के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

News : 'सशक्त बहना उत्सव योजना' का शुभारंभ

मुख्यमंत्री धामी ने सचिवालय में 'मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना' के तहत राज्य स्तरीय कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने सचिवालय परिसर में लगे महिला स्वयं सहायता समूहों के स्टॉलों का निरीक्षण किया और उनके उत्पादों की सराहना की।

इस योजना का उद्देश्य महिला समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों को व्यापक पहचान दिलाना और उनके लिए एक बड़ा बाजार तैयार करना है।

स्टॉलों का निरीक्षण करने के बाद, मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न विकासखंडों में मौजूद महिला समूहों के साथ वर्चुअल संवाद किया। उन्होंने उनके काम-काज, उत्पादों, कमाई और समूहों से जुड़ने के बाद हुए बदलावों के बारे में जानकारी ली।

News : अधिकारियों को सख्त निर्देश

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस पहल को मिशन मोड पर चलाने का निर्देश दिया है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों (डीएम) को निम्नलिखित निर्देश दिए हैं:

* उत्पादों का अनिवार्य उपयोग: सभी सरकारी कार्यक्रमों में महिला समूहों द्वारा बनाए गए स्मृति चिन्ह, शॉल और उपहारों का ही उपयोग किया जाए। इसके लिए शासनादेश जारी कर दिया गया है।

* प्रशिक्षण और गुणवत्ता: महिला समूहों से जुड़ी सभी महिलाओं को ग्रोथ सेंटर में प्रशिक्षण दिलाया जाए। साथ ही, उत्पादों की गुणवत्ता नियंत्रण (Quality Control) पर विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि वे बाज़ार में प्रतिस्पर्धा कर सकें।

* मार्केटिंग और ब्रांडिंग: उत्पादों की बेहतरीन पैकेजिंग और मार्केटिंग को प्राथमिकता दी जाए। उन्हें राज्य के अंब्रेला ब्रांड 'हाउस ऑफ हिमालयाज' और 'Hilans' से जोड़ा जाए, ताकि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकें।

* डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग: महिला समूहों को अपने उत्पादों की बिक्री के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करने में मदद और सहयोग दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का विजन राज्य की महिलाओं को 'लखपति दीदी से करोड़पति दीदी' बनाना है और इस दिशा में पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम किया जाएगा।

News : उत्तराखंड में औद्योगिक क्रांति और महिला सशक्तिकरण

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के बाद उत्तराखंड में दूसरी औद्योगिक क्रांति आई है, जिसका लाभ महिला स्वयं सहायता समूहों को भी उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाएं ही राज्य में आर्थिक और सामाजिक क्रांति की सबसे बड़ी संवाहक हैं।

उन्होंने 'उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन' के तहत प्रदेश में किए गए कार्यों का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि आज राज्य में 68,000 से अधिक स्वयं सहायता समूह बनाए गए हैं, जिनसे लगभग 5 लाख महिलाएं जुड़ी हैं। ये महिलाएं संगठित होकर अपना व्यवसाय चला रही हैं, जिससे उनके जीवन में आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता और गरिमा आई है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले साल 'मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना' के तहत महिला समूहों ने 27,000 से अधिक स्टॉल लगाकर 7 करोड़ रुपये से ज़्यादा के उत्पादों की बिक्री की। उनके उत्पादों के विपणन के लिए 13 जिलों में 33 नैनो पैकेजिंग यूनिट्स, 17 सरस सेंटर, 3 राज्य स्तरीय विपणन केंद्र और 8 बेकरी यूनिट्स भी संचालित की जा रही हैं।

इसके अलावा, चारधाम यात्रा मार्गों और केंद्र सरकार की 'वन स्टेशन, वन प्रोडक्ट' योजना के तहत देहरादून और हरिद्वार रेलवे स्टेशनों पर भी उनके उत्पादों को बेचने के लिए विशेष केंद्र स्थापित किए गए हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने महिला समूहों को सरकार को सुझाव देने के लिए भी आमंत्रित किया, ताकि इन समूहों का और विस्तार किया जा सके और महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उनकी सरकार मातृशक्ति के कल्याण के लिए समर्पित होकर काम कर रही है।

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