सरकार और जनप्रतिनिधि की उपेक्षा का शिकार हुए महादलित परिवार

खगड़िया: आजादी के 73 साल बाद भी आज गरीबी की मार और भुखमरी का दंस झेलने पर मजबूर हैं महादलित परिवार, सरकार दलितों और महादलितों के लिए कई सारी योजनाएं तो ला रही है लेकिन वह धरातल पर ढ़ाक के तीन पात समान नजर आ रही है।

कुछ ऐसा ही मामला खगड़िया जिले के मानसी प्रखंड के राजाजान गांव का, जहां के दर्जनों महादलित परिवार जो सड़क किनारे अपनी जिंदगी गुजर बसर करने पर मजबूर हैं। वह हर वक्त किसी बड़ी अनहोनी घटना की आशंका मे जीते रहते हैं और उनके जेहन में यह भय सताता रहता है कि उनके मासूम बच्चे किसी काल की चपेट में ना आ जाएं लेकिन ये लोग करें तो क्या करें, इनके पास अपनी पुश्तैनी जमीन भी नहीं है किन्तु इनके पास इनका पुश्तैनी व्यवसाय जरूर है।

ये लोग सड़क के बगल में ही पुश्तैनी व्यवसाय को भी चलाते है। सड़क पर सरपट दौड़ती गाड़ियों के बीच पारकर खुले में शौच जाने व पीने के लिए पानी लेने के लिए सड़क पार कर चापाकल पर पहुंचना पड़ता है। वहीं जीविकोपार्जन के लिए पथिया, डगरा, मौनी, चंगेरा, कोनिया आदि बनाने और सुअरों का पालन कर अपना जीवन यापन के लिए इन लोगों को सड़क का ही सहारा लेना विवशता बनी हुई है।

खगड़िया (बिहार) से समशेर सिंह की रिपोर्ट