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केजीएमयू धर्मांतरण मामला: जांच रिपोर्ट महिला आयोग को सौंपी, आरोपी को बचाने वालों की जांच शुरू

लखनऊ- केजीएमयू में रेजिडेंट महिला डॉक्टर से जुड़े धर्मांतरण के आरोपों के मामले में प्रशासनिक कार्रवाई तेज हो गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पूरे प्रकरण की जांच रिपोर्ट राज्य महिला आयोग को सौंप दी है। साथ ही, मामले में आरोपी रेजिडेंट डॉक्टर को सहयोग देने वालों की भूमिका की जांच के लिए एक विशेष समिति का गठन किया गया है।

यह मामला तब सामने आया था जब पैथोलॉजी विभाग की एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर के परिजनों ने उसी विभाग के एक पुरुष रेजिडेंट पर गंभीर आरोप लगाए थे। परिजनों का दावा था कि उनकी बेटी पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया जा रहा था। इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय और राज्य महिला आयोग को शिकायत भेजी गई थी। इससे पहले महिला रेजिडेंट डॉक्टर ने मानसिक तनाव के चलते नशीली दवाइयों का सेवन कर आत्महत्या का प्रयास भी किया था।

मामले की गंभीरता को देखते हुए चौक थाने में एफआईआर दर्ज की गई। महिला आयोग के संज्ञान लेने के बाद केजीएमयू प्रशासन ने आंतरिक जांच शुरू की और प्रकरण को विशाखा समिति के समक्ष रखा। जांच में आरोपों की पुष्टि होने पर संबंधित पुरुष रेजिडेंट डॉक्टर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। इस कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट अब राज्य महिला आयोग को भेज दी गई है।

इधर, आरोपी को कथित रूप से संरक्षण देने के आरोपों के बीच विश्वविद्यालय प्रशासन ने पांच सदस्यीय जांच समिति गठित की है। इस समिति का नेतृत्व पैरामेडिकल संकाय के डीन प्रो. केके सिंह कर रहे हैं। समिति में एमएस प्रो. सुरेश कुमार, प्रॉक्टर प्रो. आरएएस कुशवाहा, प्रो. हैदर अब्बास और प्रो. सुमित रुंगटा को शामिल किया गया है। समिति यह जांच करेगी कि प्रकरण में और कौन-कौन लोग संलिप्त रहे हैं।

पुलिस स्तर पर भी जांच जारी है। चौक पुलिस ने आरोपी रेजिडेंट डॉक्टर के माता-पिता से लंबी पूछताछ की है। पुलिस का कहना है कि कोर्ट में अवकाश के कारण पीड़िता के बयान अभी दर्ज नहीं हो पाए हैं। इसके अलावा मोबाइल फोन की फॉरेंसिक रिपोर्ट और डिजिटल चैट डाटा की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।

महिला रेजिडेंट डॉक्टर की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए केजीएमयू प्रशासन ने उसे परिसर के भीतर छात्रावास आवंटित किया है। पहले वह विश्वविद्यालय परिसर के बाहर किराये के मकान में रह रही थी। साथ ही उसकी सुरक्षा के लिए महिला सुरक्षा कर्मियों की 24 घंटे तैनाती की गई है और परिसर में निगरानी बढ़ाने के लिए अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।

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