जलवायु अनुकूलन आज पहले की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण हुआ : प्रधानमंत्री | Nation One

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि जलवायु अनुकूलन आज पहले की तुलना में अधिक महत्‍वपूर्ण हो गया है और यह भारत के विकास प्रयासों का एक महत्‍वपूर्ण आयाम है। वीडियो कांफ्रेंस के जरिए जलवायु अनुकूलन सम्‍मेलन को सम्‍बोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने अपने से यह वायदा किया है कि हम न केवल पेरिस समझौते के लक्ष्‍यों को पूरा करेंगे बल्कि उससे आगे भी जाएंगे।

हम न केवल पर्यावरण प्रदूषण को रोकेंगे बल्कि इसे विपरीत दिशा में भी मोडेंगे और हम न केवल नई क्षमताएं पैदा करेंगे बल्कि उन्‍हें विश्‍व कल्‍याण का वाहक भी बनाएंगे। उन्‍होंने कहा कि भारत के प्रयासों से उसकी प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त होती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने 2030 तक 450 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्‍य निर्धारित किया है। उन्‍होंने कहा कि भारत एलईडी लाइटों को बढ़ावा दे रहा है और हर वर्ष कार्बनडाई ऑक्‍साइड उत्‍सर्जन में तीन करोड़़ 80 लाख टन की कमी ला रहा है। भारत ने 2030 तक दो करोड़ 60 लाख हेक्‍टेयर विकृत भूमि को फिर से हरा-भरा बनाने का लक्ष्‍य भी रखा है।

भारत सरकार आठ करोड़ ग्रामीण परिवारों को स्‍वच्‍छ ईंधन प्रदान कर रही है और छह करोड़ 40 लाख परिवारों को पाइप के जरिए जलापूर्ति प्रदान की गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की यह सभ्‍यता के मूल्‍य हमें प्रकृति के साथ सामंजस्‍य पूर्वक रहने की शिक्षा देते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जलवायु अनुकूलन सम्‍मेलन का स्‍वागत करता है और इस दिशा में नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रुट के नेतृत्‍व की सराहना करता है।