वेब स्टोरी

एयर पॉल्यूशन को लेकर केंद्र सरकार का राज्यों को निर्देश, बनाए चेस्ट क्लीनिक, डॉक्टरों को दो घंटे बैठना अनिवार्य!

बढ़ते वायु प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों के प्रभावी प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों के तहत, राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन एवं मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम (NPCCCHH) के अंतर्गत सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों और मेडिकल कॉलेजों में चेस्ट क्लीनिक का संचालन सुनिश्चित करने को कहा गया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने तत्काल कार्रवाई का फरमान जारी करते हुए कहा है कि अत्यधिक वायु प्रदूषण वाले महीनों, जो आमतौर पर सितंबर से मार्च तक होते हैं, इन क्लीनिकों से अपेक्षा की जाती है कि वे प्रतिदिन कम से कम दो घंटे तक कार्य करें। प्रदूषण के कारण श्वसन (सांस) और हृदय संबंधी बीमारियों के मामलों में वृद्धि हो जाती है, इसलिए अस्पतालों को इन चुनौतियों से निपटने के लिए विशेष तैयारी रखनी होगी।

इन चेस्ट क्लीनिकों की स्थापना शहरी क्षेत्रों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHCs), जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में की जा सकती है, और इन्हें राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के दायरे में भी लाया जाएगा।

चेस्ट क्लीनिकों का काम होगा प्रदूषण के कारण बढ़े हुए श्वसन और हृदय रोगों से पीड़ित रोगियों की जांच करना और उनका आवश्यक उपचार सुनिश्चित करना।

मंत्रालय ने स्वास्थ्य केंद्रों को निर्देश दिया है कि वे एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच (IHIP) जैसे राज्य या राष्ट्रीय स्तर के डिजिटल उपकरणों का उपयोग करके इन रोगियों का रिकॉर्ड बनाए रखें।

उच्च जोखिम वाले रोगियों की पहचान करके उनका एक अलग रजिस्टर बनाना होगा। इन संवेदनशील लोगों का विवरण संबंधित ब्लॉक की आशा, एएनएम और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (CHO) के साथ भी साझा किया जाएगा, ताकि उन्हें आवश्यक देखभाल और निगरानी मिल सके।

परामर्श में यह भी कहा गया है कि डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों को श्वसन और हृदय संबंधी मामलों में बेहतर उपचार और देखभाल प्रदान करने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाए।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में इस बात पर जोर दिया है कि सर्दियों के दौरान देश के कई हिस्सों में हवा की गुणवत्ता अक्सर "खराब" से "गंभीर" स्तर तक पहुंच जाती है, जिससे स्वास्थ्य के लिए गंभीर चुनौतियाँ पैदा होती हैं। उन्होंने सामूहिक रूप से एक स्वस्थ, स्वच्छ और अधिक लचीले इकोसिस्टम की दिशा में काम करने का आह्वान किया है।

Watch Video

Watch the full video for more details on this story.

You Might Also Like

Facebook Feed