बीईओ ने नौकरी के नाम पर हड़पे चार लाख
रिटायरमेंट से ठीक दो दिन पहले डोईवाला के खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) धोखाधड़ी के एक मामले में फंस गए हैं। भानियावाला निवासी एक महिला की शिकायत पर बीईओ के खिलाफ थाना डोईवाला में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि बीईओ ने ऋषिकेश स्थित एक अशासकीय स्कूल में नौकरी दिलाने के नाम पर महिला से चार लाख रुपये ले लिए और नौकरी भी नहीं लगवाई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
कान्हरवाला भानियावाला निवासी मधुलिका गिरि पुत्री अवध किशोर गिरि ने थाना डोईवाला में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत के मुताबिक मधुलिका गिरि माजरी स्थित एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती हैं। कुछ समय पूर्व उनकी मुलाकात खंड शिक्षा अधिकारी डोईवाला मुखलाल प्रसाद से हुई। पीड़िता के मुताबिक बीईओ ने उन्हें अशासकीय विद्यालय बाल भारती जूनियर हाईस्कूल ऋषिकेश में नौकरी दिलाने का भरोसा दिया।
इसके लिए बीईओ ने सितंबर 2017 में पीड़िता से छह लाख रुपये की मांग की। जिस पर पीड़िता ने दो लाख रुपये कैश और दो लाख चेक के माध्यम से कुल चार लाख रुपये बीईओ को दे दिए। पीड़िता के मुताबिक चार लाख रुपये लेने के बाद आरोपित ने उनकी 10 दिन के भीतर नौकरी लगाने का वादा किया। इसके बाद दो दिन वह स्कूल में पढ़ाने के लिए गई भी, लेकिन नियुक्ति पत्र न होने के कारण स्कूल मैनेजमेंट ने उन्हें पढ़ाने से मना कर दिया।
पीड़िता के मुताबिक जब इस संबंध में उन्होंने बीईओ से बात की तो बीईओ ने बताया कि नियुक्ति की फाइल तैयार हो चुकी है। मुख्य शिक्षा अधिकारी से केवल अनुमोदन होना बाकी है। नियुक्ति के बाद ट्रेजरी से सैलरी आनी भी शुरू हो जाएगी। लेकिन, छह माह बाद भी जब नियुक्ति नहीं हुई तो पीड़िता ने पैसे वापस करने के लिए दबाव बनाया। जिसके बाद बीईओ ने उन्हें एक-एक लाख के चार चेक दिए। लेकिन, ये चेक बैंक में बाउंस हो गए। जिसके बाद पीड़िता पुलिस की शरण में पहुंची। पीड़िता की शिकायत के बाद थाना डोईवाला पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सीईओ द्वारा जांच समिति में भी सही पाया गया मामला
महिला ने इसकी शिकायत मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय को भी की थी। जिस पर मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून ने जांच समिति गठित की। बताया जा रहा है कि समिति की जांच में भी मामला सही पाया गया था और नौकरी के नाम पर पैसे लेने की पुष्टि हुई। मुख्य शिक्षा अधिकारी एसबी जोशी ने बताया कि समिति की जांच रिपोर्ट उन्होंने मुख्यालय को भेज दी थी। अब मुख्यालय स्तर से ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।