जैन मुनि तरुण सागर की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब, पीएम मोदी ने जताया शोक

नई दिल्ली : जैन मुनि तरुण सागर ने 51 साल की उम्र में 1 सितंबर की सुबह अनेक जैन मुनियों व हजारों भक्तों की साक्षी में समाधि लेकर दुनिया को अलविदा कह गए। उनका अंतिम संस्कार तीन बजे उन्हीं की प्रेरणा से दिल्ली-मेरठ रोड़ गाजियाबाद में स्थापित तरुण सागरम तीर्थ पर किया गया।

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जैन मुनि तरूण सागर का जन्म 26 जून 1967 को मध्यप्रदेश के गुहजी ग्राम में हुआ था। गृहस्थ अवस्था में उनका नाम पवन जैन था। 26 जून 1981 को उन्होंने घर त्याग कर बृह्मचर्य व्रत धारण कर लिया था। 18 जनवरी 1982 को उन्होंने क्षुल्लक दीक्षा गृहण की थी। 20 जुलाई 1988 को आचार्य श्री पुष्पदंत सागर से मुनि दीक्षा गृहण कर वे बन गए मुनि तरुण सागर तरुण सागर कड़वे प्रवचनों के लिए मशहूर थे। वे अपने बयानों को लेकर भी सुर्ख़ियों में बने रहते थे। दिसंबर 2017 में लव जिहाद पर उनका बयान काफी चर्चा में रहा था।

पीएम ने जैन मुनि के निधन पर गहरा शोक जताया…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जैन मुनि के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि जैन मुनि तरुण सागर के निधन का समाचार सुन गहरा दुख पहुंचा। हम उन्हें हमेशा उनके प्रवचनों और समाज के प्रति उनके योगदान के लिए याद करेंगे। मेरी संवेदनाएं जैन समुदाय और उनके अनगिनत शिष्यों के साथ है।