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UP : श्रमिकों के लिए ट्रांजिट हॉस्टल की सौगात,योगी सरकार की नई पहल!

UP: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में काम की तलाश में आने वाले असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को राहत देने के लिए एक बड़ी योजना शुरू की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने ट्रांजिट हॉस्टल और श्रमिक सेवा केंद्रों की शुरुआत करने का फैसला लिया है।

इस योजना का मकसद है कि जो मजदूर गांवों से शहरों की ओर रोजगार के लिए आते हैं, उन्हें सुरक्षित और सस्ते रहने की सुविधा मिल सके।

UP : क्या है योजना का उद्देश्य?

काम की तलाश में दूर-दराज़ से आने वाले श्रमिक अक्सर महानगरों और औद्योगिक क्षेत्रों में खुले में रहने को मजबूर हो जाते हैं। न तो उन्हें रहने की सुरक्षित जगह मिलती है, न ही साफ-सफाई और जरूरी सुविधाएं।

इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने ट्रांजिट हॉस्टल और श्रमिक सुविधा केंद्रों की योजना तैयार की है, जिससे मजदूरों को शहरों में अस्थायी लेकिन सम्मानजनक आवास मिल सके।

UP : ‘विश्वकर्मा श्रमिक सराय योजना’ और ‘अंबेडकर श्रमिक सेवा केंद्र’

सरकार दो स्तरों पर इस योजना को लागू कर रही है। पहला है "विश्वकर्मा श्रमिक सराय योजना", जिसके तहत औद्योगिक और शहरी क्षेत्रों में ट्रांजिट हॉस्टल बनाए जाएंगे। ये हॉस्टल ऐसे होंगे, जहां श्रमिक कुछ दिनों के लिए बहुत ही कम खर्च में रुक सकेंगे। यहां शौचालय, नहाने की व्यवस्था, सोने की जगह और साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

दूसरा हिस्सा है "डॉ. भीमराव अंबेडकर श्रमिक सुविधा केंद्र", जो नगर निगम क्षेत्रों में स्थापित किए जाएंगे। इन केंद्रों पर श्रमिकों को न केवल ठहरने की जगह मिलेगी, बल्कि सरकारी योजनाओं की जानकारी, स्वास्थ्य सेवाएं, पंजीकरण सुविधा और अन्य जरूरी सहायता भी दी जाएगी। इसे "वन-स्टॉप सेंटर" के रूप में विकसित किया जा रहा है।

UP : पहले चरण में कहां शुरू होगी योजना?

पहले चरण में यह योजना उत्तर प्रदेश के 17 नगर निगमों और नोएडा-ग्रेटर नोएडा क्षेत्रों में शुरू की जाएगी। भविष्य में इसे अन्य जिलों और छोटे कस्बों तक भी विस्तार देने की योजना है। सरकार का मानना है कि यह पहल उन लाखों प्रवासी श्रमिकों को राहत देगी, जो अपने परिवार को पालने के लिए रोज़ नए शहरों की ओर रुख करते हैं।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि श्रमिक केवल ईंट-पत्थर उठाने वाले हाथ नहीं, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। उनके लिए ठोस और सम्मानजनक व्यवस्था करना सरकार की जिम्मेदारी है। यह योजना उनके जीवन को आसान बनाएगी और उन्हें सामाजिक सुरक्षा भी प्रदान करेगी।

योगी सरकार की यह पहल न केवल श्रमिकों के जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में बड़ा कदम है, बल्कि यह दर्शाती है कि राज्य अब सामाजिक न्याय और आर्थिक समावेशन की ओर तेजी से बढ़ रहा है। उम्मीद है कि यह योजना आने वाले समय में श्रमिकों को राहत देगी और उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगी।

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