UP : अकबरपुर और टांडा बस स्टैंड का बदलेगा नाम, मंच से सीएम योगी ने किया ऐलान!

UP : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर से नाम बदलने की राजनीति को नई रफ्तार दे दी है। अपने दो दिवसीय अम्बेडकरनगर दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए अकबरपुर और टांडा बस स्टैंड का नाम बदलने का ऐलान किया। यह ऐलान मंच से सार्वजनिक रूप से किया गया और भारी जनसमूह की तालियों के साथ स्वागत हुआ।

सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा, “हमारा प्रयास है कि उत्तर प्रदेश की धरती पर हर स्थान का नाम भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और वीरता की पहचान से जुड़ा हो। अकबरपुर और टांडा जैसे ऐतिहासिक स्थलों को ऐसी पहचान दी जाएगी जो हमारे राष्ट्र गौरव और समर्पित महापुरुषों के सम्मान से जुड़ी हो।”

उन्होंने आगे कहा कि दोनों स्थानों के नाम बदलने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी और इसका प्रस्ताव राज्य सरकार के स्तर पर शासन को भेजा जा चुका है।

UP : किस नाम से जाना जाएगा नया बस स्टैंड?

हालांकि योगी आदित्यनाथ ने प्रस्तावित नए नाम का सीधे खुलासा नहीं किया, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, अकबरपुर बस स्टैंड का नाम ‘राजा सुहेलदेव बस टर्मिनल’ रखा जा सकता है, जबकि टांडा बस स्टैंड को ‘महाराणा प्रताप टर्मिनल’ के नाम से जाना जा सकता है। इस पर जल्द ही शासन स्तर पर अंतिम निर्णय लेकर अधिसूचना जारी की जाएगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि जिन स्थानों के नाम विदेशी आक्रांताओं, आक्रांत शासकों या गुलामी के प्रतीकों से जुड़े हैं, उन्हें बदलकर उन महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर रखा जाएगा जिन्होंने देश, धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए बलिदान दिया।

उन्होंने कहा कि, “हम अपने बच्चों को यह नहीं सिखा सकते कि वो किसी आक्रांता या अत्याचारी के नाम को गौरव के रूप में लें। अब नए भारत में नई पहचान बन रही है।”

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UP : विपक्ष की प्रतिक्रिया

जहां एक ओर बीजेपी समर्थकों और कई स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री के इस कदम का स्वागत किया है, वहीं विपक्षी दलों ने इसे “ध्यान भटकाने वाली राजनीति” बताया है।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता ने कहा, “राज्य में महंगाई, बेरोजगारी और स्वास्थ्य सेवाओं की हालत खराब है। सरकार मुद्दों से भाग रही है और नाम बदलने में व्यस्त है।”

कांग्रेस ने भी सरकार से यह सवाल किया कि क्या नाम बदलने से जनता को बिजली, पानी और रोजगार मिलेगा?

UP : स्थानीय जनता की राय

अकबरपुर और टांडा के स्थानीय नागरिकों ने इस फैसले पर मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। कुछ लोगों का कहना है कि अगर नया नाम सांस्कृतिक पहचान को बढ़ाता है और क्षेत्र का गौरव बढ़ाता है, तो यह स्वागत योग्य है। वहीं कुछ लोग इसे “परंपरा से छेड़छाड़” मानते हैं।

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नाम परिवर्तन की प्रक्रिया में अभी कई प्रशासनिक कदम बाकी हैं। इसके लिए:

– नगर निगम/नगर पालिका से प्रस्ताव पारित करवाया जाएगा

– जिला प्रशासन की संस्तुति के बाद प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा

– राजस्व विभाग और गृह मंत्रालय से स्वीकृति के बाद अधिसूचना जारी होगी

– परिवहन विभाग सभी संबंधित रिकॉर्ड, दस्तावेज और बोर्ड को अद्यतन करेगा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस ताजा ऐलान से साफ है कि नाम परिवर्तन की राजनीति आने वाले समय में और तेज होगी। उनके नेतृत्व में यूपी सरकार सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और गौरवशाली इतिहास को प्रमुखता देने पर जोर दे रही है।

हालांकि इस पर राजनीतिक बहस भी उतनी ही तेज हो चुकी है। आने वाले हफ्तों में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस प्रक्रिया को कितनी तेजी से लागू करती है और जनता इस फैसले को किस तरह स्वीकारती है।

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