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UP : धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़, लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े तार, पढ़ें!

UP : उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के धर्मांतरण के खिलाफ चलाए जा रहे बड़े अभियान को एक और बड़ी सफलता मिली है। बलरामपुर के जलालुद्दीन उर्फ छांगुर गैंग के बाद अब आगरा में एक दस सदस्यीय धर्मांतरण गिरोह का पर्दाफाश हुआ है।

इस गिरोह के तार आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए थे, और इसका संचालन विदेशी फंड से हो रहा था। यह खुलासा धर्मांतरण के पीछे छिपी गहरी साजिशों और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को उजागर करता है।

UP : फंडिंग और नेटवर्क का खुलासा

इस बड़े धर्मांतरण रैकेट की फंड मैनेजर गोवा की आयशा उर्फ एसबी कृष्णा निकली है। जांच में सामने आया है कि लश्कर से जुड़ी फंडिंग को यूएई, कनाडा, लंदन और अमेरिका के रास्ते से भारत भेजा जाता था।

आयशा इन फंड्स को देशभर में धर्मांतरण और खासकर लड़कियों का ब्रेनवाश करने वाले व्यक्तियों और खातों में भेजती थी। वह विदेश से आने वाली फंडिंग को देशभर में वितरित करने का काम करती थी, जो इस पूरे ऑपरेशन की रीढ़ थी।

आयशा (एसबी कृष्णा) और उसका कथित पति कोलकाता निवासी अली हसन (शेखर राय) मुस्लिम धर्म अपनाने के बाद इस अवैध धर्मांतरण गिरोह के एक बड़े हथियार बन गए थे।

अली हसन कोलकाता की एक कोर्ट में कर्मचारी है। उसकी यह स्थिति गिरोह के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुई, क्योंकि वह गिरोह के सदस्यों को धर्मांतरण कराने से पहले कानूनी प्रक्रिया की पूरी जानकारी देता था। इससे गिरोह के सदस्यों को पकड़े जाने पर कानूनी शिकंजे से बचने में मदद मिलती थी।

आयशा के पास कनाडा, दुबई और अन्य देशों से फंडिंग की रकम आती थी, जिसे वह गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचाती थी। गिरोह का सक्रिय सदस्य दाउद अहमद जो कनाडा में बैठा है, आयशा को रकम भेजता था। दाउद कट्टरपंथी वीडियो बनवाकर उन्हें प्रसारित भी करवाता था, जिसकी गहनता से पड़ताल की जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, आयशा हवाला के जरिए अपने पति अली हसन तक बड़ी रकम पहुंचाती थी, जिसे गिरोह अवैध धर्मांतरण के लिए खर्च करता था। अली हसन उर्फ शेखर राय कोलकाता के बैरकपुर में रहता है और कोर्ट में कर्मचारी होने के नाते वह गैंग को कानूनी मदद भी देता था। वह समाज के बड़े लोगों से उनकी पहचान कराता और आयशा से रुपये लेकर गैंग के अन्य सदस्यों तक पहुंचाना उसका काम था।

UP : फर्राटेदार अंग्रेजी बोलती है आयशा

आयशा मूल रूप से ओडिशा की रहने वाली है और वर्तमान में गोवा में रह रही थी। उसके पिता एक रिटायर सूबेदार हैं। धर्मांतरण के बाद उसने अपना नाम आयशा रखा है। वह फर्राटेदार अंग्रेजी बोलती है और गोवा में उसका अपना मकान है। उसकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि और बोलने की क्षमता उसे इस गिरोह के लिए एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बनाती थी, खासकर वित्तीय लेनदेन और अंतरराष्ट्रीय संपर्कों के लिए।

वह धर्मांतरण गैंग के लिए वित्तीय प्रबंधन करती थी और इस गिरोह को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वित्तीय सहायता प्राप्त होती थी। विदेश से प्राप्त धन को अलग-अलग सदस्यों के खातों में स्थानांतरित किया जाता था, जिससे इसका पता लगाना और भी मुश्किल हो जाता था।

जांच में यह भी सामने आया है कि कनाडा में बैठा सैयद दाउद अहमद ही आयशा के खातों में फंडिंग भेजता था। आयशा का पति शेखर राय उर्फ हसन अली कोलकाता में बैठकर काम करता था और वह गैंग का लीगल एडवाइजर था। धर्मांतरण से जुड़े कानूनी दस्तावेज तैयार करवाने और कागजी कार्रवाई पूरी करने का जिम्मा उसी पर था।

UP : नेटवर्क का सबसे खतरनाक चेहरा अल रहमान कुरैशी

इस धर्मांतरण नेटवर्क का सबसे खतरनाक चेहरा आगरा का अल रहमान कुरैशी है। कुरैशी यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया के माध्यम से नाबालिग लड़कियों का ब्रेनवाश करता था। इस्लामिक शिक्षा के नाम पर वह लड़कियों को कट्टरता की ओर ले जाता और फिर जिहादी विचारधारा से जोड़ता था।

गिरोह का एक अन्य सदस्य, कोलकाता से पकड़ा गया ओसामा, भी इसमें अहम भूमिका निभाता था। कुरैशी और ओसामा मिलकर लड़कियों को मानसिक रूप से पूरी तरह तोड़ते थे और उन्हें अपने परिवारीजनों से दूरी बनाने के लिए उकसाते थे, जिससे वे आसानी से धर्मांतरण के जाल में फंस सकें।

UP : महिला दारोगा बनी सूत्रधार

इस बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए आगरा पुलिस ने एक रणनीतिक कदम उठाया। धर्मांतरण कराने वाले गिरोह ने इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म के माध्यम से एक बड़ा नेटवर्क खड़ा किया था, जिसके जरिए हिंदू और गैर-मुस्लिम युवतियों को जाल में फंसाया जाता था। आगरा पुलिस ने एक महिला दारोगा को गिरोह से जोड़ा।

इंस्टाग्राम पर बनाई गई एक आईडी के माध्यम से पुलिस इस गिरोह के नेटवर्क में घुसने में कामयाब रही। कई मोबाइल नंबरों की लोकेशन और कॉल डिटेल को भी खंगाला गया, जिससे पुलिस को इस गिरोह की गतिविधियों और सदस्यों के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिले। इंटरनेट मीडिया की एक आईडी के बारे में सुराग मिलने के बाद ही पुलिस इस मामले की तह तक पहुंच सकी और इस बड़े धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ कर पाई।

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