प्रधानमंत्री जब किसी राज्य में जाते हैं तो उन्हें रिसीव करने के लिए मुख्यमंत्री (Chief Minister) , चीफ सेकेटरी (Chief Secretary) और डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DGP) मौजूद रहते हैं। लेकिन, आज प्रधानमंत्री जब पंजाब पहुंचे तो वहां इन तीनों में से कोई नहीं था।
इतना ही नहीं, जब प्रधानमंत्री किसी राज्य के दौरे पर रहते हैं, तो उनके काफिले में चीफ सेकेटरी और DGP की गाड़ी रिजर्व रहती है, लेकिन आज ऐसा कुछ नहीं था।
खराब मौसम के कारण आखिरी समय पर यह फैसला लिया गया कि प्रधानमंत्री मोदी हेलीकॉप्टर से नहीं बल्कि सड़क से जाएंगे। इसकी जानकारी केवल चुनिंदा बड़े अधिकारियों को थी। लेकिन, ये जानकारी प्रदर्शनकारियों को कैसे पता चली?
एक बड़ी बात और, मोदी के अलावा कोई भी बड़ा राष्ट्रीय नेता पंजाब में नहीं था। राहुल गांधी छुट्टी पर हैं और अरविंद केजरीवाल ने खुद को कोविड के कारण आइसोलेट कर लिया है। ऐसे में आज की घटना एक लापरवाही थी, एक रणनीतिक चूक या फिर सोची समझी साजिश?
क्योंकि ये सब कुछ उस जगह पर हो रहा था, जहां से पाकिस्तान का बॉर्डर महज कुछ किलोमीटर दूर था। जहां एक दशक तक खालिस्तानियों का खौफ था। जहां से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को मारने की मांग उठी थी।
इन सब का जवाब बहुत जरूरी है क्योंकि, हाल ही में देश ने बिपिन रावत और उनके पूरे काफिले को हैलिकॉप्टर हादसे में खोया है, जिसका जवाब अभी तक देश को नहीं मिला है।