News : अयोध्या नगरी ने 5 जून 2025 को एक बार फिर इतिहास रच दिया, जब श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में भगवान राम की ‘राजा राम’ स्वरूप में प्राण प्रतिष्ठा विधिवत रूप से सम्पन्न हुई। गंगा दशहरा के पावन दिन पर यह आयोजन संपूर्ण भारतवर्ष की आस्था और श्रद्धा का प्रतीक बन गया। इस भव्य अनुष्ठान में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा और राम दरबार की दिव्यता ने सम्पूर्ण अयोध्या को भावविभोर कर दिया।
यह आयोजन तीन दिवसीय धार्मिक अनुष्ठानों का हिस्सा था, जो 3 जून से प्रारंभ हुआ। वैदिक आचार्यों की देखरेख में मंत्रोच्चार, हवन, भजन-कीर्तन और कलश यात्रा जैसे धार्मिक क्रियाकलापों के साथ वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया। मुख्य प्राण प्रतिष्ठा 5 जून को शुभ ‘अभिजीत मुहूर्त’ में सम्पन्न हुई। यह वही समय है जो 22 जनवरी को राम लला की मूर्ति की स्थापना के लिए चुना गया था।
राजा राम की मूर्ति संगमरमर से निर्मित है, जो जयपुर के अनुभवी शिल्पकारों द्वारा आठ महीनों में तैयार की गई। श्रीराम के साथ माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और भक्त हनुमान की प्रतिमाएं भी स्थापित की गईं। सभी मूर्तियों को विशेष कपड़ों, मुकुटों और आभूषणों से सजाया गया, जिससे दरबार की छवि अत्यंत भव्य और जीवंत प्रतीत हुई।
News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निभाई अगुवाई
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जिनका इसी दिन जन्मदिन भी था, ने राम दरबार में उपस्थित होकर पूजा-अर्चना की और नेत्र उद्घाटन की रस्म पूरी की। उन्होंने कहा कि यह दिन उनके जीवन का सबसे सौभाग्यशाली क्षण है, क्योंकि उन्हें राजा राम की प्राण प्रतिष्ठा में सहभागी बनने का अवसर मिला।
पूरे अयोध्या नगर में सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए थे। राम जन्मभूमि परिसर और आसपास के क्षेत्रों में ड्रोन, सीसीटीवी कैमरे और अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई थी। श्रद्धालुओं के सुचारू दर्शन हेतु लाइन प्रबंधन और प्रवेश-निकास के विशेष मार्ग बनाए गए थे।
प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर विशेष प्रसाद तैयार किया गया, जिसमें गुड़, मूंगफली, सूखा मेवा और बर्फी शामिल थी। यह प्रसाद हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के बीच वितरित किया गया। साथ ही, पानी और भोजन की व्यवस्था मंदिर ट्रस्ट द्वारा की गई, ताकि किसी को असुविधा न हो।
News : राम मंदिर की पहली मंज़िल पर दरबार की स्थापना
राम मंदिर की भव्य वास्तुकला के अनुरूप राम दरबार को पहली मंज़िल पर स्थापित किया गया है। यहां राजा राम एक भव्य सिंहासन पर विराजमान हैं, और चारों ओर उनका पूरा दरबार सजीव रूप में उपस्थित है। यह नजारा भक्तों को दिव्यता और आत्मिक शांति का अनुभव कराता है।
अयोध्या में इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचे। राम भक्तों ने जय श्रीराम के जयघोष के साथ नगर को भक्तिमय वातावरण में बदल दिया। इस दौरान सोशल मीडिया पर भी श्रद्धालुओं ने आयोजन से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो साझा कर अपनी आस्था प्रकट की।
News : संस्कृति और धर्म का संगम
राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा न केवल धार्मिक अनुष्ठान था, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपरा और आस्था का भव्य प्रतीक भी बना। यह आयोजन आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणास्रोत रहेगा और यह प्रमाणित करता है कि भारत की सांस्कृतिक जड़ें कितनी मजबूत हैं।
अयोध्या में राजा राम की भव्य प्राण प्रतिष्ठा न केवल मंदिर के लिए, बल्कि करोड़ों हिंदुओं के लिए एक ऐतिहासिक और भावनात्मक क्षण रहा। यह आयोजन यह सिद्ध करता है कि भक्ति, श्रद्धा और संगठन से कोई भी कार्य असंभव नहीं है। अयोध्या एक बार फिर आध्यात्मिक चेतना का केंद्र बन चुकी है, और राम दरबार इसकी सजीव गवाही दे रहा है।
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