
NEWS : कांग्रेस रिश्वत लेकर देती थी पद्मभूषण ? FATF की रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासा | Nation One
NEWS : Yes Bank के सह-संस्थापक राणा कपूर ने दावा किया था कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा उन्हें पेंटिंग खरीदने के लिए विवश किया गया था। अब फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने भी राणा कपूर के इस दावे की पुष्टि कर दी है।
FATF रिपोर्ट में कहा गया है कि राणा कपूर ने कांग्रेस से एक ‘औसत दर्जे’ की पेंटिंग खरीद कर अवैध तरीके से पुरुस्कार और तारीफ हासिल की।
दरअसल, FATF की एक रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में राणा कपूर को अप्रत्यक्ष तौर पर ‘मिस्टर ए’ कहा गया है। साथ ही उन पर अपने पद का गलत इस्तेमाल करने का भी इल्जाम लगाया है।
कहा गया है कि ‘मिस्टर ए’ ने पिछली सत्तारूढ़ पार्टी (कांग्रेस) के एक करीबी रिश्तेदार से 264,000 डॉलर में एक पेंटिंग खरीदी थी, जिसका कोई खास मूल्य नहीं था। यानी कि एक ‘साधारण’ पेंटिंग को मोटी रकम देकर खरीदा गया था।
NEWS : 79 शेल कंपनियों को लोन दिया
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ‘कंपनी बी’ ने ‘कंपनी सी’ समेत 79 शेल कंपनियों को लोन दिया है। इस कंपनी के मालिक ‘मिस्टर ए’ (राणा कपूर) और उनकी बेटियाँ थीं।
‘कंपनी सी’ को 79 मिलियन अमेरिका डालर मिले। इस प्रकार से हुई कमाई का एक हिस्सा प्रसिद्ध चित्रकारों और रसूखदार लोगों से ‘आर्ट वर्क’ समेत अन्य संपत्ति खरीदने के लिए उपयोग किया गया।
‘मिस्टर ए’ ने आमदनी का एक बड़ा हिस्सा प्रसिद्ध कलाकारों की पेंटिंग खरीदने में खर्च किया। जाँच में पता चला कि है कि ‘मिस्टर ए’ ने लगभग 44 पेंटिंग खरीदी थीं। FATF की इस रिपोर्ट में आरोप लगाते हुए कहा गया है कि ‘मिस्टर ए’ ने अवैध तरीके से कई संगठनों से पुरस्कार प्राप्त किए थे।
जाँच में पता चला है कि ‘मिस्टर ए’ ने पुरस्कार प्राप्त करने के लिए रिश्वत दी थी। यह रिश्वत देने के लिए नेताओं से घटिया पेंटिंग खरीदी थी। इस रिश्वत को जायज ठहराने के लिए पेंटिंग खरीदी जाती थीं और बैंकों के माध्यम से भुगतान किया जाता था।
NEWS : कीमत रिश्वत के तौर पर दी गई
ऐसा ही एक उदाहरण, ‘मिस्टर ए’ ने कथित तौर पर पिछली सत्तारूढ़ सियासी दल के एक सदस्य के करीबी रिश्तेदार से 264000 डॉलर (21721867 रुपए) में एक पेंटिंग खरीदी थी। वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के पीएम बनने से पहले कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA की सरकार थी।
इस जाँच में यह भी कहा गया है कि पेंटिंग की वास्तविक कीमत बेहद कम थी। किन्तु ‘पद्म भूषण’ पुरुस्कार हासिल करने के लिए यह पेंटिंग बढ़े हुए मूल्य में खरीदी गई थी। यह कीमत रिश्वत के तौर पर दी गई थी।
FATF एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है, जो पैसों के अवैध लेनदेन यानी मनी लॉन्डरिंग पर नज़र रखती है। उसके द्वारा ये खुलासा करना कांग्रेस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठता है कि, क्या कांग्रेस सरकार में रिश्वत लेकर लोगों को पद्म पुरस्कार जैसे सम्मान दिए जाते थे ?
NEWS : ED के सामने राणा कपूर का बयान
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ में राणा कपूर ने बताया था कि उन्हें कांग्रेस नेता प्रियंका गाँधी वाड्रा से एमएफ हुसैन की एक पेंटिंग खरीदने के लिए विवश किया गया था।
उन्होंने यह भी कहा था कि पेंटिंग बेच कर मिले पैसों का उपयोग गाँधी परिवार ने तत्कालीन कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गाँधी के न्यूयॉर्क में उपचार के लिए किया था।
राणा कपूर ने यह भी बताया था कि कांग्रेस नेता प्रियंका गाँधी ने उन्हें जो पेंटिंग बेची थी, उस पूरी प्रक्रिया में पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा बिचौलिए की भूमिका में थे।
कपूर ने ED को यह भी बताया था कि उन्हें पूर्व पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने कहा था कि एमएफ हुसैन की पेंटिंग खरीदने से मना करने पर गाँधी परिवार के साथ उनके संबंधों में दरार आ सकती है। इनकार करने पर पद्म भूषण पुरस्कार न देने की भी धमकी दी गई थी।
राणा कपूर ने ED को यह भी बताया था कि सोनिया गांधी के बेहद करीबी अहमद पटेल ने उनसे कहा था कि सोनिया के उपचार के लिए सही वक़्त पर गांधी परिवार की मदद करके अच्छा काम किया है। इसलिए ‘पद्म भूषण’ पुरस्कार के लिए उनके नाम पर विचार किया जाएगा।
Also Read : UP News : नितिन गडकरी ने भगवान कृष्ण से की सीएम योगी की तुलना, बताई ये वजह | Nation One