जानिए कोवैक्सीन या कोविशील्ड में क्या है अंतर, क्यों है बेहतर कोविशील्ड | Nation One

जानिए कोवैक्सीन या कोविशील्ड में क्या है अंतर, क्यों है बेहतर कोविशील्ड | Nation One

कोरोना महामारी को देखते हुए मार्च से वैक्सीनेशन ड्राइव का दूसरा चरण शुरू हो चुका है। हेल्थ केयर वर्कर्स के बाद अब देश के वरिष्ठ नागरिकों और जिनकी उम्र 45 से ज्यादा है या जो गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं।  उन्हें वैक्सीन की डोज दी जा रही है।

जानकारी के मुताबिक हमारे देश में सभी लोगों को कोविडशिल्ड और कोवैक्सीन के डोज दिए जा रहे हैं। हालांकि वैक्सीन के खिलाफ कुछ अफवाहें फैलाई गई हैं जिसकी वजह से लोग वैक्सीन लगवाने से कतरा रहे हैं। 

जबकि दोनों वैक्सीन हमारी सुरक्षा की दृष्टि से उपयोगी और सुरक्षित हैं। हालांकि कुछ मामलों में रिएक्शन रिपोर्ट किए गए हैं। इसलिए ज़रूरी है कि हम कुछ निश्चित साइड-इफेक्ट्स को लेकर जागरूक रहें। 

जानिए कोवैक्सीन और कोविशील्ड में क्या है अंतर

कोवैक्सीन और कोविशील्ड, दोनों को एक ही तरह से बनाया गया है। दोनों में सिर्फ एक ही अंतर है, वो ये कि कोविशील्ड ने टेस्टिंग के तीनों स्तर को पास कर चूका है, जबकि कोवैक्सीन जिसे भारत बायोटेक ने तैयार किया है, अभी भी शोध के आखिरी चरण पर है। 

कोवैक्सिन और कोविशिल्ड (ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका) दोनों घरेलू और पारंपरिक वैक्सीन्स हैं, जो लंबे समय से निर्भर रहे तंत्र का उपयोग करके विकसित की गई हैं। इसलिए, यही वजह है इन्हें अन्य मॉडर्न टीकों की तुलना में अधिक सुरक्षित कहा जा सकता है, यहां तक कि साइड-इफेक्ट्स भी सामान्य जोखिम की तुलना में कम हैं।

क्लीनिकल रिसर्च में भी यह साबित हो चुका है कि इस वक्त भारतीय टीकों की प्रभावकारिता दर काफी अच्छी है। ये दोनों वैक्सीन शरीर में एंटीबॉडी के काउंट को बढ़ाने का काम करती हैं, जो फ्यूचर  वायरस के हमले का संदेह होने पर सुरक्षात्मक बचाव करने के लिए शरीर को सचेत करेंगी।