Amrish Tyagi : 16 साल बाद बेटी ने देखा शहीद पिता का शव बोली मै भी जाऊगी इंडियन आर्मी मे | Nation One

कुछ-कुछ हादसे अपनी जगह दिल-दिमाग मे बना लेते है। जी हां ऐसा ही एक हादसा 16 साल पहले भारतीय सेना के एक जवान के साथ हुआ था। जब वह घर से भारतमाता की रक्षा के लिए तो निकला परन्तु वापस नहीं आया और न ही कोई खबर लाया।

जब देश की रक्षा के लिए सेना का जवान शहीद होता है, तब काफी दुख तो होता है, परन्तु परिवार वालो को एक गर्व भी होता है कि उनके बच्चे ने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर किए। लेकिन किसी परिवार के लिए 16 साल तक इंतजार करना काफी पीड़ादायक है कि उनका बेटा कहां है, जीवित या म़ृत, औऱ अगर म़ृत तो शव कहां है कि वो एक आखिरी बार उस शाहिद लाल को देखले।

बता दें कि यूपी में मुरादनगर के हिसाली गांव में रहने वाले पर्वतारोही सिपाही का पार्थिव शरीर 16 साल बाद बर्फ में दबा मिला। वह 23 अक्टूबर, 2005 में सियाचीन से लौटते समय उत्तराखंड के हरशील की खाई में गिर गए थे।

जानकारी के अनुसार बिहार रेजिमेंट के जवान शव लेकर मंगलवार को हिसाली गांव पहुंचे। जहां सैन्य सम्मान के नायक अमरीश त्यागी का अंतिम संस्कार किया गया। लोगों ने भारत माता की जय के नारे भी लगाएं। अंतिम विदाई में भीड़ के कारण मेरठ हाइवे पर 3 घंटे तक जाम भी लगा रहा।

कौन है अमरीश त्यागी ?

अमरीश त्यागी वर्ष 1995-96 में मेरठ में सेना में भर्ती हुए थे। हालंकि कई जगह तबादले के बाद 1999 में करगिल युद्ध के दौरान उनकी तैनाती लेह लद्दाख में हुई थी।

बता दें कि अमरीश का हवाई जहाज से सबसे ज्यादा ऊंचाई से कूदने के मामले में बहुत नाम था। जवान शहीद अमरीश त्यागी हिसाली गांव के सेना की ऑर्डिनेंस कोर में नायक थे।

कैसे हुआ हादसा ?

बता दें कि सितंबर 2005 में अमरीश त्यागी उत्तराखंड की हिमालय की चोटी पर ध्वजारोहण कर जब अपनी टीम के साथ वापस आ रहे थे, तभी 23 सितंबर गहरी खाई में गिर गए थे।  अमरीश त्यागी 4 साथियों के साथ बर्फ में दब गए थे औऱ रेस्क्यू के दौरान तीन सिपाहियों के पार्थिव शरीर मिले , मगर अमरीश का शव नही मिला।

लेकिन 16 साल बाद 23 सितंबर 2021 ने अमरीश के परिवार में हलचल पैदा कर दी क्योंकि खबर ही कुछ ऐसी थी।

जानकारी के अनुसार 2 दिन पहले बर्फ पिघलने से एक शव दिखा। कपड़े और कुछ पेपरों के आधार पर शव की पहचान अमरीश के रूप में हुई। परिजनों को आर्मी वालों ने बताया कि अमरीश का पार्थिव शरीर 16 साल बाद बर्फ पिघलने के बाद उसी जगह से बरामद किया गया है, जहां उनके साथ वह पूरी दुर्घटना हुई थी।

जवान की हुई थी दो शादियां

बता दें कि जवान अमरीश त्यागी ने दो शादियां करी थी जिसमे पहले पत्नी की मौत हो गयी थी और दूसरी शादी में अमरीश की एक बेटी हुई और पहली पत्नी के बेटे का नाम दीपक त्यागी है। दरअसल अमरीश त्यागी के लापता होने को दौरान उनकी पत्नी गर्भवती थीं और 5 माह बाद उनकी पत्नी ने बेटी को जन्म दिया।

पुत्र वियोग में चल बसे मां-बाप

परिवार ने बताया कि अमरीश के माता और पिता दोनों की मौत हो गई और दोनों की इच्छा थी कि वह शहीद बेटे के अंतिम दर्शन कर लें, लेकिन वह पूरी नहीं हो पाई। दोनों आखिरी क्षणों में भी अमरीश को याद ही करते रहे थे।

उम्मीद थी कि जिंदा हैं, नहीं छोड़ी थी आस’

जवान अमरीश त्यागी के परिवार ने बताया कि भले ही सेना के लोग और रिश्तेदार कहते थे कि अमरीश अब नहीं है, लेकिन उन्हें उम्मीद थी कि वह जिंदा होगा इसलिए उन्होंने पितृपक्ष में कभी श्राद्ध नहीं किया और ना ही मृत्यु के बाद संस्कार किया। अब सेना अमरीश का शव लेकर आएगी। उसके बाद ही हम संस्कार करेंगे।