Health : पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) एक हार्मोनल असंतुलन की स्थिति है, जो महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। यह समस्या मासिक धर्म की अनियमितता, वजन बढ़ना, मुंहासे, बाल झड़ना और कभी-कभी बांझपन जैसी परेशानियों का कारण बन सकती है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को दवाओं के साथ-साथ जीवनशैली में बदलाव और सही खानपान की भी बेहद जरूरत होती है।
सही आहार न केवल हार्मोन को संतुलित रखने में मदद करता है, बल्कि इससे वजन नियंत्रित रहता है, इंसुलिन रेसिस्टेंस कम होती है और गर्भधारण की संभावना भी बेहतर होती है। इसलिए यह जानना बेहद जरूरी है कि पीसीओएस होने पर कौन से खाद्य पदार्थों से दूरी बनानी चाहिए।
Health : प्रोसेस्ड और रिफाइंड शुगर से करें तौबा
शक्कर पीसीओएस महिलाओं के लिए सबसे बड़ा दुश्मन बन सकती है। केक, कुकीज़, कैंडी, कोल्ड ड्रिंक्स, मीठे ब्रेड या पैक्ड डेज़र्ट जैसे खाद्य पदार्थों में रिफाइंड शुगर की भरमार होती है। इनका सेवन ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ाता है जिससे शरीर में इंसुलिन का स्तर भी अधिक हो जाता है। चूंकि पीसीओएस से ग्रस्त महिलाओं में पहले से ही इंसुलिन रेसिस्टेंस होती है, इसलिए यह स्थिति और बिगड़ सकती है।
बदलाव क्या करें: प्राकृतिक मिठास जैसे शहद या खजूर का सीमित मात्रा में उपयोग करें और चीनी को रोजमर्रा की डाइट से धीरे-धीरे निकाल दें।
Health : रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स: वजन बढ़ाने वाले चुपचाप दुश्मन
सफेद ब्रेड, मैदा, पास्ता और अन्य प्रोसेस्ड अनाज से बनी चीजें ब्लड शुगर को असंतुलित करती हैं। ये खाद्य पदार्थ फाइबर रहित होते हैं और जल्दी पच जाते हैं, जिससे ब्लड शुगर में अचानक उछाल आता है। इससे शरीर में सूजन और इंसुलिन रेसिस्टेंस बढ़ती है जो पीसीओएस को और जटिल बना सकती है।
बदलाव क्या करें: साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस, ओट्स, क्विनोआ या मल्टीग्रेन रोटियों को प्राथमिकता दें।
Health : डेयरी उत्पाद: सबके लिए नहीं फायदेमंद
हालांकि दूध और उससे बने उत्पाद कैल्शियम और प्रोटीन के अच्छे स्रोत होते हैं, लेकिन पीसीओएस महिलाओं को डेयरी से बनी चीज़ों का सीमित सेवन करना चाहिए। कुछ शोधों से पता चला है कि डेयरी में मौजूद हार्मोनल तत्व शरीर में एंड्रोजन (पुरुष हार्मोन) को बढ़ा सकते हैं, जिससे मुंहासे और अनचाहे बालों की समस्या बढ़ सकती है।
बदलाव क्या करें: बिना डेयरी वाले विकल्प जैसे बादाम दूध, सोया दूध या नारियल दूध का चयन करें।
Health : डीप फ्राई और फास्ट फूड: हार्मोनल तबाही के सूत्रधार
फास्ट फूड जैसे पिज़्ज़ा, बर्गर, चिप्स या समोसे आदि में संतृप्त वसा (saturated fat) और ट्रांस फैट की अधिकता होती है। ये न केवल वजन तेजी से बढ़ाते हैं, बल्कि शरीर में सूजन और हार्मोनल असंतुलन भी पैदा करते हैं। ट्रांस फैट्स शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ा सकते हैं जो पीसीओएस में पहले से ही अधिक होता है।
बदलाव क्या करें: घर पर बेकिंग या ग्रिलिंग तकनीक का उपयोग कर हेल्दी स्नैक्स तैयार करें। एवोकाडो, नट्स और ओलिव ऑयल जैसे हेल्दी फैट्स को डाइट में शामिल करें।
Health : प्रोसेस्ड मीट और रेड मीट: बढ़ा सकते हैं सूजन
बेकन, सॉसेज, हॉट डॉग या रेड मीट में प्रोटीन के साथ-साथ अत्यधिक संतृप्त वसा और नमक पाया जाता है, जो शरीर में सूजन बढ़ाते हैं। पीसीओएस महिलाओं के शरीर में पहले से ही लो-ग्रेड इंफ्लेमेशन होता है, ऐसे में इन खाद्य पदार्थों से बचना जरूरी है क्योंकि ये सूजन और हार्मोनल गड़बड़ी को बढ़ा सकते हैं।
बदलाव क्या करें: प्रोटीन के लिए दालें, अंडे का सफेद हिस्सा, फिश या प्लांट-बेस्ड प्रोटीन को प्राथमिकता दें।
Health : हाई-सोडियम फूड्स: ब्लोटिंग और बीपी बढ़ाने वाले
अचार, चिप्स, पैकेज्ड सूप्स और तैयार खाने वाली वस्तुएं जैसे इंस्टेंट नूडल्स में सोडियम की मात्रा बहुत अधिक होती है। यह शरीर में पानी रोकने (वॉटर रिटेंशन) और ब्लोटिंग का कारण बनता है। पीसीओएस में पहले से ही सूजन और मेटाबॉलिज़्म संबंधी समस्याएं बनी रहती हैं, ऐसे में अतिरिक्त नमक स्थिति को और खराब कर सकता है।
बदलाव क्या करें: घर पर बना ताज़ा भोजन खाएं और नमक का सेवन नियंत्रित रखें।
Health : सही खानपान + सक्रिय जीवनशैली = पीसीओएस से राहत
केवल भोजन से परहेज करना ही काफी नहीं है। नियमित रूप से व्यायाम करना, तनाव कम करना और पर्याप्त नींद लेना भी पीसीओएस को मैनेज करने में अहम भूमिका निभाते हैं। साथ ही, डॉक्टर से समय-समय पर जांच करवाना और किसी भी नए लक्षण के प्रति सतर्क रहना जरूरी है।
पीसीओएस कोई लाइलाज बीमारी नहीं है, लेकिन यह शरीर के संतुलन को बिगाड़ सकती है यदि खानपान पर ध्यान न दिया जाए। ऊपर बताए गए 6 खाद्य समूह पीसीओएस को और गंभीर बना सकते हैं, इसलिए इनसे दूरी बनाना समझदारी भरा कदम होगा। संतुलित आहार, हेल्दी आदतें और चिकित्सकीय सलाह से महिलाएं पीसीओएस पर नियंत्रण पा सकती हैं और एक स्वस्थ, खुशहाल जीवन जी सकती हैं।
Also Read : Health : दांतों में कैविटी और दर्द से कैसे पाएं छुटकारा, जानिए कारण और घरेलू उपाय!