
Haryana- जींद IPS पर महिला पुलिस कर्मियों का यौण शोषण करने का आरोप
हरियाणा के जींद जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां जींद एसपी सुमित कुमार पर महिला पुलिस कर्मियों के साथ यौण शोषण का गंभीर आरोप लगा है।
महिला पुलिसकर्मियों ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को खत लिखकर आपबीती बयां की है, महिला पुलिसकर्मी ने सीएम को खत लिखा है और कार्रवाई की मांग की है। इस खत में कई महिला पुलिसकर्मियों ने अपने हस्ताक्षर किए हैं।
महिला पुलिस कर्मचारियों ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि जींद एसपी सुमित कुमार सुंदर महिला कर्मचारियों पर बुरी नजर रखते है। महिला थाना की एसएचओ मुकेश रानी एक महिला को एसपी के घर लेकर गई थीं और वहीं छोड़कर आ गई, इसके बाद एसपी ने पीड़िता के सात बदसलूकी की।
डीएसपी गीतिका पर भी आरोप लगाया गया है कि शिकायत सुनने पर उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की और कहा कि महिला कर्मचारियों को अफसरों के साथ कॉपरेट करना पड़ता है। महिला पुलिस कर्मचारी ने चिट्ठी में ये भी लिखा है कि एसएचओ मुकेश रानी और एसपी सुमित कुमार ने मिलकर एक गिरोह बनाया है जिसमें कई लड़कियां शामिल हैं, ये लड़कियां अमीर लड़कों को फर्जी मुकदमे में फंसाती हैं और पैसे लेकर मामला रफा-दफा करवाया जाता है।
इसके अलावा मुकेश रानी पर उन पुलिसकर्मियों को प्रताड़ित करने के भी आरोप लगे हैं, जो एसपी के साथ कॉपरेट करने के लिए तैयार नहीं होती हैं।
वही इस चिट्ठी के सामने आने के बाद हरियाणा सरकार एक्शन में आ गई। मामले की जांच के लिए फतेहबाद की एसपी आस्था मोदी को केस सौंप दिया गया।
एसपी आस्था मोदी ने पत्र में लिखे गए नामों वाली जींद में पोस्टेड सभी महिला कर्मचारियों के दर्ज बयान दर्ज किए। बयान दर्ज करवाने वाली सभी महिला कर्मचारी ने बताया कि उन्होंने ऐसा कोई पत्र कभी नही लिखा। सभी 19 महिला कर्मियों ने फतेहाबाद जाकर बयान दर्ज कराकर अनजान आदमी से झूठी शिकायत डलवाने का शक जताया है।
यौन शोषण के आरोपों पर जांच अधिकारी आस्था मोदी ने बताया कि 19 महिला कर्मचारियों के बयान किए गए दर्ज, लेकिन अभी तक किसी ने भी ऐसी कोई बात नही बोली है।
हालांकी मामले में अभी जांच जारी है लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर महिला पुलिस कर्मी ही सुरक्षीत नहीं हैं तो आम लोग क्या उम्मिद लगा सकते हैं।
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