चीन ने भारत को 45 साल बाद एक बार फिर धोखा दिया है। सोमवार रात लद्दाख में बातचीत करने गई भारत की सेना पर चीन की सेना ने हमला बोल दिया। बता दें कि यह हमला पत्थरों, लाठियों और धारदार चीजों से किया गया। इस हमले में भारत के कमांडिंग ऑफिसर समेत 20 सैनिक शहीद हो गए। बताया जा रहा है कि शहीद भारतीय सैनिकों की संख्या और बढ़ भी सकती है। वहीं जवाबी हमले में चीन के भी 43 सैनिकों के मारे जाने की खबर है।
भारतीय सेना ने एक बयान में बताया कि 15-16 जून की दरम्यानी रात गलवन इलाके में भारतीय और चीनी सैनिकों में हिंसक झड़प हुई थी। इसमें 17 भारतीय सैनिक बुरी तरह घायल हो गए थे और बाद में उनकी मौत हो गई। उस इलाके में तापमान शून्य से नीचे है। इस तरह इस झड़प में भारत के कुल 20 सैनिक मारे गए।
घटना के बाद देश में काफी सरगर्मी बढ़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देर शाम सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट कमेटी की बैठक बुलाकर हालात का जायजा लिया। इस बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस.जयशंकर भी मौजूद रहे।
बता दें कि गलवन घाटी में चीनी सैनिकों की सहमति के मुद्दे से पलटने के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच तीन घंटे तक पत्थरबाजी और लाठी-डंडे से जबरदस्त झड़प हुई।