जरूरत से ज्यादा भूख भी बना सकती है बीमार
खाना हमारे जीवन के लिए सबसे जरूरी हैं। इसके बिना कोई जीव नहीं रह सकता। खाने से ही हमें उर्जा मिलती है और हम अपने जरूरी काम करते हैं पर यही खाना जब जरूरत से ज्यादा होकर बीमारी का रूप ले लेता है तो हम बीमार पड़ने लगते हैं। अपने मनपसंद खाने को देखकर किसी का भी मन ललचा सकता है। और कभी-कभी अगर ज्यादा खा भी लिया जाए तो कोई बात नही, लेकिन अगर यह आदत बन जाए तो फिर आपको बार-बार भूख लगती है जो आपके लिए अच्छा नही हैं। डाक्टरों के अनुसार बार-बार भूख लगने को फूड एडिक्शन कहते हैं। रोजाना जरूरत से ज्यादा खाने को इस श्रेणी में रखा जा सकता है। फूड एडिक्शन एक तरह का इटिंग डिसऑर्डर है। इसमें लोगो को बार-बार भूख लगती है। हालांकि ज्यादातर लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते, लेकिन इस पर अगर कंट्रोल न किया जाए, तो यह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह भी साबित हो सकता है।
बार-बार खाने से उत्पन्न परिणाम
बिना भूख के खाना– बार-बार खाने की आदत होने पर व्यक्ति खाता ही चला जाता है। वह खाने पर पूरी तरह कंट्रोल खो बैठता है। बिना भूख के भी थोड़े-थोड़े समय के बाद वह खाना खाता ही रहता है। उसे भरा हुआ पेट अच्छा लगने लगता है। पहले का खाना थोड़ा सा डाइजेस्ट होते ही वह दोबारा खा लेता है। कई बार तो वह खाना डाइजेस्ट होने का इंतजार भी नही करता और दोबारा खा लेता है।
एनर्जी लेवल- फूड एडिक्शन की एक खास वजह न्यूरोबायलॉजिकल इम्बैलेंस है। एक बार इसका लेवल बॉडी में गिरता है, तो व्यक्ति को कमजोरी महसूस होती है। वह फिर से खाना शुरू कर देता और फिर उसे बॉडी में एनर्जी बनाए रखने के लिए हमेशा खाना पड़ता है हालांकि, बार-बार खाने वाला व्यक्ति अपनी इस आदत से गिल्ट महसूस करता रहता है, लेकिन आदत ऐसी बन जाती है कि वह चाहकर भी कुछ नहीं कर सकता।
वजन बढ़ना व मोटापा- फूड एडिक्शन से वजन बढ़ना व मोटापा होता है। वजन बढ़ने से कई और बिमारियां आपको जकड़ लेती है। जैसे शरीर की काम करने की क्षमता कम हो जाती है और आप जल्दी थकने लगते हैं।
ब्लड में कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना- वह न चाहते हुए भी कई चीजें ऐसी ज्यादा खा लेता है जिनके ज्यादा खाने से कोलेस्ट्रॉल का खतरा बढ़ जाता है और इससे दिल का दौरा, हृदयघात जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
ऐसे करें बचाव
बार-बार खाने की इस आदत से बचने का तरीका
अपना ध्यान हटाए- इससे बचने का एक ही तरीका है और वह है इस साइकल को तोड़ना। जब भूख लगे, तो उस पर ध्यान न दें, अपना ध्यान उस दौरान किसी और कामों की ओर लगाए जो आप को पसंद हो। तो वह रुटीन धीरे-धीरे तोड़ा जा सकता है। अगर फिर भी कंट्रोल नहीं हो पा रहा, तो साइकॉलजिकल ट्रीटमेंट लें। ऐसे फूड लेने की कोशिश करें, जो आपका मूड अच्छा कर दें। इससे बॉडी में सेरिटोनिन लेवल बढ़ेगा। ये फूड डिप्रेशन से बाहर आने में भी आपकी मदद करेगा।
हेल्दी डाइट लें- अपनी डाइट में स्वस्थ व संतुलित आहार शामिल करें। फ्रेश फ्ट्सू, नट्स, सीड्स और विभिन्न तरह की सब्जियां खाएं। अनाज और दालों से आपको लो ग्लाईकेमिक इंडेक्स वाला भोजन मिल जाता है। यह भोजन शरीर में धीरे-धीरे शर्करा रिलीज करता है। इससे शरीर में लगातार ऊर्जा बनी रहती है, मस्तिष्क शांत रहता है और अधिक समय तक पेट भरे रहने का एहसास होता है। हमारा रोज का भोजन, जिसमें अनाज, दालें, सब्जियां और दूध होता है, इसी उत्तम भोजन की श्रेणी में आता है।
तनाव से बचें- इसके अलावा लंबे समय से चले आ रहे मानसिक तनाव के कारण भी कई लोगों को बार-बार भूख लगती है। ऐसा तब होता है जब तनाव गेर्लिन के स्तर को बढाता है और इसका स्तर बढ़ने से अवसाद एवं बेचैनी से संबंधित व्यवहार घट जाता है। इसका एक नकारात्मक प्रभाव यह होता है कि भूख बढ़ जाती है। इन सब उपायों को अपनाकर आप अपनी इस समस्या से निजात पा सकते है, लेकिन अगर फिर भी यह समस्या बनी रहती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।