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Dehradun : छात्राओं की तस्वीरें को मॉर्फ करके बनता था अश्लील, फिर करता ब्लैकमेल, FIR दर्ज!

Dehradun : देहरादून के एक प्रतिष्ठित केंद्रीय संस्थान में एक बेहद शर्मनाक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। संस्थान में शोध कर रही कई छात्राओं को साइबर अपराध का शिकार बनाया गया है।

इस मामले में संस्थान के ही एक शोध छात्र, कौशिक मोहन कोली, पर गंभीर आरोप लगे हैं कि वह छात्राओं की तस्वीरें सोशल मीडिया से चुराता था, उन्हें एडिट करके अश्लील फोटो बनाता था और इन तस्वीरों के जरिए उन्हें ब्लैकमेल करने की कोशिश करता था।

यह घटना न केवल शिक्षा के मंदिरों में सुरक्षा पर सवाल उठाती है, बल्कि डिजिटल युग में महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक बड़ी चेतावनी भी है।

Dehradun : कैसे सामने आया यह घिनौना खेल?

यह पूरा मामला तब सामने आया जब आरोपी कौशिक के एक साथी छात्र ने उसके लैपटॉप में गलती से कुछ आपत्तिजनक सामग्री देख ली। उसने पाया कि कौशिक ने संस्थान की कई छात्राओं की तस्वीरों को मॉर्फ (Morphed) करके अश्लील फोटो बनाए हुए थे।

साथी छात्र ने तुरंत इस बारे में अन्य छात्रों को जानकारी दी। जब छात्राओं ने आपस में बात की, तो उन्हें पता चला कि कौशिक की हरकतें पिछले कई महीनों से चल रही थीं।

कई छात्राओं ने बताया कि कौशिक उन पर देर रात में फोन पर बात करने का दबाव बनाता था और उनकी निजी जिंदगी में दखल देने की कोशिश करता था। इस जानकारी के बाद, छात्राओं ने एकजुट होकर संस्थान के अधिकारियों और पुलिस को इस मामले की शिकायत दी।

Dehradun : पुलिस की त्वरित कार्रवाई और जाँच

शिकायत मिलते ही पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की। पटेलनगर के कोतवाल सीबीएस अधिकारी ने बताया कि आरोपी कौशिक मोहन कोली के खिलाफ आईटी एक्ट (IT Act) की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। प्रारंभिक पूछताछ के दौरान, कौशिक ने स्वीकार किया कि उसने ऐसी तस्वीरें बनाई थीं।

हालांकि, पुलिस के कब्जे में लिए जाने से पहले ही आरोपी ने अपने फोन और लैपटॉप से ऐसी सभी आपत्तिजनक सामग्री को डिलीट कर दिया था। पुलिस ने तकनीकी पहलुओं को देखते हुए उसके फोन और लैपटॉप को जब्त कर लिया है और उन्हें फॉरेंसिक जाँच (Forensic investigation) के लिए भेजा है।

इस जाँच का मुख्य उद्देश्य डिलीट किए गए डेटा को रिकवर करना है, जो आरोपी के खिलाफ सबसे बड़ा और ठोस सबूत साबित हो सकता है। पुलिस इस मामले में कौशिक के अन्य साथियों से भी पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या इस अपराध में कोई और भी शामिल था।

Dehradun : आरोपी का प्रोफाइल और आगे की कार्रवाई

आरोपी कौशिक मोहन कोली मुंबई का निवासी है और वह संस्थान में वन्यजीव संरक्षण (Wildlife conservation) पर शोध कर रहा था। उसकी शिक्षा और शोध के क्षेत्र को देखते हुए उसकी यह हरकतें और भी ज्यादा हैरान करने वाली हैं।

पुलिस ने शुरुआती पूछताछ के बाद कौशिक को नोटिस देकर छोड़ दिया है, लेकिन अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद उसे दोबारा बुलाया जाएगा और उससे गहन पूछताछ की जाएगी।

यह कदम कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसके तहत सबूतों की पुष्टि होने के बाद ही अगली कार्रवाई की जाती है। इस मामले में फॉरेंसिक रिपोर्ट की अहमियत बहुत ज्यादा है, क्योंकि इसी से यह तय होगा कि आरोपी के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई की जाएगी।

Dehradun : छात्राओं में गुस्सा और संस्थान पर सवाल

इस घटना से संस्थान की शोध छात्राओं में भारी आक्रोश और असुरक्षा का माहौल है। इस तरह की घटनाएँ छात्रों की सुरक्षा पर गंभीर सवालिया निशान लगाती हैं। यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या संस्थान में छात्रों की गतिविधियों पर कोई निगरानी नहीं रखी जाती है? क्या साइबर सुरक्षा को लेकर कोई जागरूकता अभियान नहीं चलाया जाता?

विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में संस्थानों को सख्त नीतियाँ बनानी चाहिए और छात्रों को साइबर अपराधों के बारे में जागरूक करना चाहिए। सोशल मीडिया के इस युग में, जहाँ हर कोई अपनी निजी जानकारी साझा करता है, वहाँ यह बेहद जरूरी है कि छात्र-छात्राएँ अपनी ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर सावधान रहें।

यह घटना दिखाती है कि शिक्षा के प्रतिष्ठित संस्थानों में भी डिजिटल अपराध अपनी जड़ें जमा रहे हैं और इन्हें रोकने के लिए पुलिस, संस्थान और समाज को मिलकर काम करने की जरूरत है। इस मामले में पुलिस की आगे की जाँच और कार्रवाई पर सभी की नजरें बनी हुई हैं।

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