Chandigarh Controversy : पंजाब-हरियाणा में तनातनी, हरियाणा भी जताएगा चंडीगढ़ पर अपना हक | Nation One
Chandigarh Controversy : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यह स्पष्ट कहा कि हरियाणा का राज्य के लिए एक अलग उच्च न्यायालय के साथ चंडीगढ़ पर पूरा हक है।
भाजपा नेता खट्टर ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार की आलोचना की और कहा कि, “राज्य के लिए एक अलग हाईकोर्ट के साथ चंडीगढ़ पर हरियाणा का पूरा अधिकार है।
यह हमारी समझ से बाहर है कि उन्होंने आखिर चुनाव खत्म होने के तुरंत बाद ही चंडीगढ़ का मुद्दा क्यों उठाया। ये तो सिर्फ वे ही बता सकते हैं कि वे किस दबाव में आकर इस मुद्दे को सामने ला रहे हैं।”
Chandigarh Controversy : चंडीगढ़ को हरियाणा के पास ही जाना चाहिए
उन्होंने कहा कि, “शाह आयोग ने सिफारिश की है कि चंडीगढ़ को हरियाणा के पास ही जाना चाहिए। सतलुज यमुना लिंक नहर से हरियाणा को पानी मिलने पर सुप्रीम कोर्ट के 2002 के आदेश पर असहमति के कारण और दोनों राज्यों को परस्पर फैसला लेना चाहिए, हम एक बार फिर से अदालत को लिखेंगे क्योंकि पंजाब इस पर बिल्कुल निष्क्रिय है।”
बता दें कि चंडीगढ़ मुद्दे को लेकर पंजाब और हरियाणा दोनों ही राज्यों में खींचतान तेज होती जा रही है। चंडीगढ़ पर पंजाब सरकार के दावे के बाद सियासत एक बार फिर गरमा गई है।
Chandigarh Controversy : हिंदी भाषी क्षेत्रों को हरियाणा स्थानांतरित करने की मांग
वहीं, प्रदेश में पंजाब की सरकार द्वारा विधानसभा में पारित किए गए प्रस्ताव का प्रदेश में जहां विरोध किया जा रहा है, वहीं लोगों का कहना यह है कि चंडीगढ़ पर जितना अधिकार पंजाब का है उतना हक हरियाणा का भी है।
इस बीच पंजाब सरकार को जवाब देते हुए हरियाणा विधानसभा ने सतलुज-यमुना लिंक नहर के निर्माण को पूरा करने और पंजाब से सभी हिंदी भाषी क्षेत्रों को हरियाणा स्थानांतरित करने की मांग करते हुए मंगलवार को एक प्रस्ताव पास किया। इसके साथ ही विधानसभा ने चंडीगढ़ पर दावा करने के लिए पंजाब की कड़ी निंदा की।
Chandigarh Controversy : हरियाणा के लोगों को प्रस्ताव स्वीकार्य नहीं
बता दें कि हरियाणा विधानसभा का एक दिवसीय सत्र को पंजाब विधानसभा द्वारा चंडीगढ़ को तत्काल राज्य को स्थानांतरित करने के लिए पारित हुए एक प्रस्ताव के कुछ दिनों बाद ही बुला लिया गया।
हरियाणा सरकार के प्रस्ताव के मुताबिक, ‘यह सदन पंजाब विधानसभा में एक अप्रैल 2022 को पारित प्रस्ताव पर चिंता जताता है, जिसमें यह सिफारिश की गई है कि चंडीगढ़ को पंजाब में स्थानांतरित करने के मामले को केंद्र सरकार के सामने उठाया जाएगा।’
इसमें यह भी कहा गया है, ‘‘यह हरियाणा के लोगों को प्रस्ताव स्वीकार्य नहीं है। हरियाणा ने चंडीगढ़ पर अपना हक बरकरार रखा है।’ केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा दोनों ही राज्यों की एक साझा राजधानी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा पेश किए गए इस प्रस्ताव को तीन घंटे की चर्चा के बाद सर्वसम्मति से पास कर दिया गया।
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