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योगी की नाक के नीचे चल रहा है आजम खान का सम्राजयए जेल में रहने के बाद भी कायम है दबदबा
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते आए हैं बावजूद इसके राजधानी लखनउ में सरकार के अधिकारी सीएम योगी की नाक के नीचे जो हेरा फेरी का खेल चला रहे हैं उसकी भनक किसी को भी नही है। प्रदेश में मलाईदार जगहों पर ट्रांसफर के काफी मामले हैं। देखा जाए तो प्रदेश में ऐसे मामले कोई नई बात नही है। बड़े अफसरों को घूस खिलाना और मलाईदार जगहों पर ट्रांसफर लेना प्रदेश में काफी आम हो गया है। वहीं अब एक और मामला सामने आया है। उत्तर प्रदेश उर्दू एकेडमी और फखरुद्दीन अली अहमद मेमोरियल एकेडमी के नवनियुक्त सचिव शौकत अली को चौथी बार एकेडमी का सचिव बनाया गया। पर बड़ा सवाल ये उठता है कि अगर शौकत अली में इतनी ही योग्यता है तो पहले तींन बार उनको हटाया क्यों गया। और आखिर ऐसा क्या है कि किसी नए अफसर को नही नियुक्त किया गया है। चलिए आपको एकेडमी सिस्टम के अंदर की ये सांठगाठ समझाते हैंए सूबे में ये काफी आम बात हो चुकी है कि एकेडमियों के सचिव बनने के लिए अपर मुख्य सचिव को उनके निजी सचिव के द्वारा पैसे पहुंचाए जाते हैं जो बिना किसी नियम बीस सालों से लगातार उनके साथ जुड़ा हुआ हैं। एकेडमी का सचिव बनते ही नवनिर्वाचित सचिव की अंधाधुंध कमाई शुरू होती है। चंद महीनों बाद घोर भ्रष्टाचार और शिकायदों के बाद यदि उसे हटाना पड़ता है तो नई नियुक्ति में भी पैसो का खेल चलता है और वही फिर चंद महीनों में पुराना हटाया हुआ सचिव फिर नई गड्डी चढ़ा कर अपना दावा कर देता है और उर्दू अकादमी में ये सीलसीला कभी थमता ही नही है। आपको बता दे कि शौकत अली एघोषित तौर पर जेल में निरुद्ध पूर्व मंत्री आज़म खान के वफादार हैं और उनका नाम और रूतबे की काफी धौंस दिखाते हैंए यहां तक कर्मचारियों कोए आज़म खान का रुतबे का डर दिखाकर चुप करा दिया जाता है। आजम खान की छत्र छाया में रहने वाले शौकत अली शहर के पॉश इलाके गोमतीनगर में करोड़ों का बजट वाली आलीशान बिल्डिंग के मालिक है जिस पर सवाल करने वाला कोई भी नही। यही नही चौथी बार नियुक्त हुए सचिव शौकत अली ने आते ही 20 हजार रुपए का अपना मानदेय बढ़वा लिया है और साथ ही एकेडमी के वाहनों को कूड़ा दिखा के 35 हजार रुपए सिर्फ टैक्सी में उड़ाए जा रहे हैं जो उनके निजी काम और सेवा में दिन रात दौड़ती हैं। शौकत अली का रुतबा इस बात से जाहिर हो जाता है किसी शहर के सांसद रहे और दलितों पिछड़ों के मशहूर नेता एकेंद्रीय मंत्री कौशल ने लगभग साल भर पहले शौकत अली की हरकतों की लिखित शिकायत करी थी जिसकी वजह से संभवत वो हटाए गए मगर चंद महीनों में ही उनकी कुर्सी पर वापसी हो गई। सूत्रों के अनुसार बड़बोलेपन में शौकत अली ये दावा भी करते नजर आते हैं कि ष्देखी मेरी हैसियत एकौशल किशोर को चुनाव हरवा दियाए उसे सांसद बनने लायक भी नहीं छोड़ाष्। शौकत अली की भ्रष्टाचार की गाड़ी इतनी तेज भाग रही है कि वो अपने लोगों की एकेडमी में धड़ाधड़ नियुक्तियां कर रहे हैं और साजिशों में लगे रहते हैं कि कैसे पुराने कर्मचारियों को उत्पीड़ित और प्रताड़ित कर उन्हें हटाया जाए। मुख्यमंत्री योगी के अंतर्गत आने वाले भाषा विभाग में सरकारी धन की अपार लूट चल रही है भनक सीएम योगी के कानों तक नही पहुंच पा रही है क्योंकि जिस अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी ये सब देखने की थी या तो वो खुद अपने निजी सचिव के द्वारा इस रैकेट में शामिल है अब ऐसे में सवाल यही उठता है कि कब तक जनता की महनत की कमाई इन भ्रष्टाचारी अफसरों की संपतियां बढ़ाने में जाती रहेगी।

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