UP : उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में कुपोषण की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए एक नई पहल की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शुरू की गई यह योजना राज्य के उन जिलों को प्राथमिकता दे रही है, जहां कुपोषण की दर ज्यादा है।
इस कदम के जरिए न सिर्फ बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाएगा, बल्कि गर्भवती महिलाओं और किशोरियों के पोषण स्तर को सुधारने पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
UP : सुपोषण की दिशा में ठोस पहल
सरकार ने ‘मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान’ के नाम से एक विशेष योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत 3 से 6 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को नाश्ते में पोषण युक्त आहार दिया जाएगा।
इस आहार में बच्चों को हर दिन फ्लेवर्ड दूध, मौसमी फल, केला और मिलेट से तैयार न्यूट्री बार या चिक्की दी जाएगी। इस व्यवस्था का मकसद है कि हर बच्चे को कम से कम 400 कैलोरी और 15 ग्राम से अधिक प्रोटीन मिल सके।
UP : आठ आकांक्षात्मक जिलों को प्राथमिकता
इस योजना का पहला चरण राज्य के आठ आकांक्षात्मक जिलों में शुरू किया गया है, जिनमें चंदौली, चितरकूट, फतेहपुर, बहराइच, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र और श्रावस्ती शामिल हैं।
इन जिलों में कुपोषण की दर अन्य जिलों की तुलना में अधिक रही है, इसलिए सरकार ने इन्हें प्राथमिकता में रखा है। योजना का लाभ लगभग 11 लाख से अधिक बच्चों तक पहुंचाया जाएगा।
UP : बजट और क्रियान्वयन प्रणाली
इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए सरकार ने करीब 255 करोड़ रुपये का बजट तय किया है। योजना को आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से लागू किया जाएगा। इसके लिए टेक-होम राशन मॉडल को अपनाया गया है, जिससे जरूरतमंद बच्चों और महिलाओं को सीधे घर तक पोषण सामग्री पहुंचाई जाएगी।
सिर्फ छोटे बच्चों तक ही योजना सीमित नहीं है। गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं और 14 से 18 वर्ष की किशोरियों को भी इस कार्यक्रम से जोड़ा गया है। इन लाभार्थियों को दाल, दलिया, चना, गेहूं और खाद्य तेल जैसी आवश्यक पौष्टिक सामग्री दी जा रही है, जिससे उनका पोषण स्तर बेहतर हो सके।
UP : परिणाम और भविष्य की योजना
सरकार के मुताबिक अब तक इस तरह की योजनाओं से राज्य में करोड़ों बच्चों और महिलाओं को लाभ मिला है। शिशु मृत्यु दर में गिरावट दर्ज की गई है और बच्चों की शारीरिक वृद्धि भी बेहतर हुई है। अब सरकार की योजना है कि इस अभियान को जल्द ही राज्य के अन्य जिलों में भी फैलाया जाए, ताकि कोई भी बच्चा पोषण से वंचित न रह जाए।
योगी सरकार की यह पहल उत्तर प्रदेश को कुपोषण मुक्त बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम है। यदि योजना को ठीक ढंग से लागू किया गया, तो आने वाले वर्षों में इसके सकारात्मक परिणाम पूरे प्रदेश में देखने को मिल सकते हैं।
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