
हाथरस गैंगरेप मामले पर एक्शन में योगी सरकार, जांच के लिए CM योगी ने गठित की SIT | Nation One
हाथरस गैंगरेप पीड़िता की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत के बाद सियासत गरमाई हुई है. विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर है. वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने मामले की जांच के लिए एसआईटी (SIT) गठित की है. साथ ही उन्होंने इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने का भी निर्देश दिया हैं.
बता दें कि गैंगरेप पीड़िता की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मंगलवार को इलाज के दौरान निधन हो गया. गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद से इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन और भी बढ़ गया है. बता दें कि परिजनों और गांवों वालों के भारी विरोध के बीच देर रात लगभग डेढ़ बजे मृतक युवती का शव उसके गांव बूलगढ़ी लाया गया, जहां पुलिस प्रशासन द्वारा पहले से ही उसके अंतिम संस्कार की तैयारी करके रखी गई थी. लेकिन परिजन हिंदू धर्म की रीति के अनुसार इस समय अंतिम संस्कार के लिए तैयार नहीं हुए. गांववाले और युवती के परिजन लाख मिन्नतें करते रहे लेकिन विरोध के बीच पुलिस ने रातोंरात ही युवती का अंतिम संस्कार कर दिया.
गौरतलब है कि 14 सितंबर को युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म की शर्मनाक वारदात को अंजाम दिया गया था. इसके बाद आरोपियों ने उस पर जानलेवा हमला भी किया था. यह घटना चंदपा थाना क्षेत्र के बूलगढ़ी गांव में हुई. सोमवार को हालत बेहद गंभीर होने पर उसे अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. हालांकि मौत से पहले पीड़िता ने मजिस्ट्रेट को दिए अपने बयान में कहा था कि चार युवकों ने उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और विरोध करने पर उसका गला घोंटने की कोशिश की थी.
पीड़िता ने चारों आरोपियों की पहचान संदीप, रामू, लवकुश और रवि के रूप में की थी. पुलिस अधीक्षक ने बताया था कि संदीप को घटना के दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था. बाद में रामू और लवकुश को भी गिरफ्तार किया गया और शनिवार को चौथे आरोपी रवि को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. चारों आरोपियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है.