SC/ST एक्ट में हुए संशोधन पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर
एससी/एसटी एक्ट में मार्च 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाया था। इस फैसले में अनुसूचित जाति/जनजाति एक्ट के तहत आने वाले किसी भी मामले पर होने वाली तुरन्त गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई थी साथ ही इसमें दर्ज होने वाले सभी केसों में अग्रिम जमानत को भी मंजूरी दे दी गई थी।
इसके बाद संशोधन के खिलाफ कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई थी. देश भर में एससी/एसटी समाज द्वारा विरोध प्रदर्शन किए गए। केंद्र सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुर्नविचार याचिका दाखिल की थी। केंद्र सरकार द्वारा इस कानून में संशोधन किया गया। इन सभी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले में संशोधन को हरी झंडी दे दी गई है। अब से SC/ST एक्ट के तहत कोई भी मामला दर्ज होता है तो उसकी तुरन्त गिरफ्तारी हो जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अब से कोई केस दर्ज होगा तो शुरूआती जांच जरूरी नहीं होगी, साथ ही अग्रिम जमानत सिर्फ जरूरी केस में ही दी जाएगी। संशोधित कानून में धारा-18 ए जोड़ दी गई है जो कहती है कि अब इस एक्ट का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ बिना किसी जांच के कार्रवाई की जाएगी साथ ही तुरन्त गिरफ्तारी का प्रावधान भी इसमें शामिल है।