संघ प्रमुख भागवत ने पड़ोसियों को चेताया, हमारी सद्भावना को दुर्बलता न समझें | Nation One
नागपुर : स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने समस्त देशवासियों को संबोधित करते विजयादशमी की शुभकामनाएं दीं. पड़ोसी देशों को चेताते हुए उन्होंने कहा कि, हम सभी से मित्रता चाहते हैं, यह हमारा स्वभाव है परन्तु,हमारी सद्भावना को दुर्बलता मानकर अपने बल के प्रदर्शन से कोई भारत को चाहे जैसा नचा ले, झुका ले, यह हो नहीं सकता है.
इसके साथ ही चीन की हाल की गतिविधियों को लेकर सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि कोरोना महामारी के संदर्भ में चीन की भूमिका संदिग्ध रही, यह तो कहा ही जा सकता है परंतु, अपने आर्थिक सामरिक बल के कारण मदांध होकर उसने भारत की सीमाओं पर जिस प्रकार से अतिक्रमण का प्रयास किया वह सम्पूर्ण विश्व के सामने स्पष्ट है.
भागवत ने आगे कहा कि भारत का शासन, प्रशासन, सेना तथा जनता सभी ने इस आक्रमण के सामने अड़ कर, खड़े होकर अपने स्वाभिमान, दृढ़ निश्चय व वीरता का उज्ज्वल परिचय दिया. इससे चीन को अनपेक्षित धक्का लगा है. इस परिस्थिति में हमें सजग होकर दृढ़ रहना पड़ेगा।
चीन पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हम शांत हैं, इसका मतलब यह नहीं कि हम दुर्बल हैं.अब चीन को भी इस बात को अहसास तो हो ही गया होगा लेकिन, ऐसा नहीं है कि हम इसके बाद लापरवाह हो जाएंगे. ऐसे खतरों पर नजर बनाए रखनी होगी.
वहीं सेना के पराक्रम पर भागवत ने कहा कि हमारी सेना की अटूट देशभक्ति व अदम्य वीरता, हमारे शासनकर्ताओं का स्वाभिमानी रवैया तथा हम सब भारत के लोगों के दुर्दम्य नीति-धैर्य का परिचय चीन को पहली बार मिला है.