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Russia-Ukraine War : जंग पर भारत के रुख को देखकर भड़का अमेरिका, भेजा सीक्रेट मैसेज | Nation One
Russia-Ukraine War : रूस-यूक्रेन जंग में भारत के तटस्थता की नीति अमेरिका को नहीं सुहा रही है। वो किसी भी तरह भारत को इस नीति को छोड़ने के लिए मजबूर करने में लगा हुआ है। अब अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने अपने राजनयिकों को एक पुराने गोपनीय संदेश को याद दिलाया है।
इस गोपनीय संदेश में अमेरिकी राजनयिकों को कहा गया है कि वे अपने भारतीय समकक्षों को यह सूचित करें कि यूक्रेन के मामले में उनका तटस्थ रहना उन्हें ‘रूस के खेमे’ में ले जा रहा है।
Russia-Ukraine War : सख्त लहजे वाला गोपनीय संदेश
अमेरिकी मीडिया Axios की रिपोर्ट के मुताबिक इस बेहद सख्त लहजे वाले संदेश को याद दिलाना इस बात को दर्शाता है कि अमेरिकी सरकार के अंदर अपने दो मुख्य सहयोगियों को लेकर नीतिगत विवाद चल रहा है। राजनयिक केबल या गोपनीय संदेश को विदेश मंत्रालय प्रासंगिक पक्षों को भेजता है।
यही नहीं इस संदेश को विभिन्न दूतावासों को भेजने से पहले विभिन्न अधिकारियों के द्वारा जांच की जाती है। यही नहीं आंतरिक नीतिगत फैसलों और दिशा निर्देशों को विदेश में तैनात राजनयिकों को देने के लिए प्रमुख रूप से राजनयिक केबल का ही सहारा लिया जाता है।
Russia-Ukraine War : करीब 50 यूएस दूतावासों को भेजा गया ये संदेश
इस राजनयिक केबल को सोमवार को मानवाधिकार परिषद की बैठक से ठीक पहले करीब 50 देशों में मौजूद अमेरिकी दूतावासों को भेजा गया था। लेकिन मंगलवार को उसे वापस ले लिया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जब इस बारे में अमेरिकी विदेश मंत्रालय से संपर्क किया गया तो उसे विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक गलती करार दिया।
प्रवक्ता ने कहा, ‘इस तरह की भाषा को कभी भी मंजूरी नहीं दी जाती है। इस केबल को गलती से जारी कर दिया गया था और इसी वजह से उसे वापस ले लिया गया है।’
Russia-Ukraine War : गोपनीय संदेश में क्या कहा गया?
इस अत्यंत गोपनीय संदेश में कहा गया है कि अमेरिकी राजनयिक भारत और संयुक्त अरब अमीरात को यूक्रेन-रूस विवाद में अपनी स्थिति बदलने के लिए दबाव डालें।
इसमें कहा गया है, ‘बातचीत के लिए आह्वान करना जैसा कि आप सुरक्षा परिषद में कर रहे हैं, यह तटस्थ रवैया नहीं है। यह आपको रूस के खेमे में ले जाता है जो इस जंग में हमलावर है।’ यह संदेश अमेरिकी राजनयिकों को भारत और यूएई के अधिकारियों को देने के लिए कहा गया है।
इसमें कहा गया है, ‘हम आपको मजबूती के साथ इसके लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं कि आप इस मौके का फायदा उठाएं और मानवाधिकार परिषद में यूक्रेन को अपना समर्थन दें। आप संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस मौके का लाभ उठाने में चूक गए थे।’
स-यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन को उकसा कर बाहर खड़ा तमाशा देख रहा अमेरिका इस युद्ध में भारत के रुख से नाराज हो गया है। लेकिन भारत ने भी साफ कर दिया है कि कोई खफा होता है तो हो…
भारत रूस के खिलाफ नहीं जाएगा। ये वही अमेरिका है जो अफगानिस्तान को तालिबान के हाथ छोड़कर खिसक लिया था, और उसने भारत की कोई चिंता नहीं की थी।
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