Politics : अध्यादेश के खिलाफ रामलीला मैदान में AAP की महारैली आज | Nation One
Politics : राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में आज आम आदमी पार्टी केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ महारैली करने जा रही है।
केंद्र के अध्यादेश विधेयक के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में यह पहला सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन होगा, जिसमें सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आप विधायक व सांसद सहित एक लाख से अधिक लोगों के पहुंचने की उम्मीद है।
सीएम केजरीवाल सरकार का कहना है कि ट्रांसफर पोस्टिंग वाले अध्यादेश को लेकर मेगा रैली का आयोजन हो रहा है, लेकिन कुछ एक्सपर्ट का यह भी कहना है कि आप सरकार मिशन 2024 की तैयारी कर रही है।
Politics : पार्टी के सभी बड़े नेता रैली में नजर आएंगे
महारैली को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान संबोधित करेंगे। साथ ही सौरभ भारद्वाज, आतिशी और संजय सिंह समेत आप पार्टी के सभी बड़े नेता रैली में नजर आएंगे। रैली के माध्यम से अरविंद केजरीवाल अपनी पूरी ताकत दिखाने को तैयार हैं। मंच और रामलीला मैदान पूरी तरह से सजधज गया है।
कार्यक्रम की तैयारियों की निगरानी के लिए पार्टी के कई पदाधिकारी शनिवार को रामलीला मैदान में तैनात थे। पार्टी नेताओं के बैठने और सभा को संबोधित करने के लिए पार्क के पूर्व में एक विशाल मंच बनाया गया है।
बता दें कि केजरीवाल ने अध्यादेश के खिलाफ विपक्ष का समर्थन हासिल करने के लिए पिछले कुछ दिनों में कई राज्यों की यात्रा की और अब आज रविवार के दिन आप महारैली का आयोजन कर रही है।
Politics : रामलीला मैदान की रैली को लेकर ट्रैफिक एडवाइजरी
इस बीच रामलीला मैदान और उसके आसपास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, स्थानीय पुलिस के साथ अर्धसैनिक बलों की करीब 12 कंपनियां कार्यक्रम स्थल पर तैनात रहेंगी।
साथ ही रैली स्थल के प्रवेश द्वार पर मेटल डिटेक्टर लगाए जाएंगे। ट्रैफिक पुलिस ने बताया कि 11 जून 2023 को रामलीला मैदान में आप की ‘महा रैली’ के मद्देनजर डायवर्जन पॉइंट प्रभावी होंगे और कुछ सड़कों पर यातायात प्रतिबंध / नियमन / डायवर्जन लगाया जा सकता है। किसी भी असुविधा से बचने के लिए कृपया सलाह का पालन करें।
Politics : क्या है दिल्ली अध्यादेश का मुद्दा
11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि को छोड़कर दिल्ली में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को स्थानांतरित व पदस्थापन करने की शक्ति राज्य सरकार के पास है, न कि केंद्र द्वारा नियुक्त लेफ्टिनेंट गवर्नर के पास।
19 मई को केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति के माध्यम से एक अध्यादेश जारी किया जिसने प्रभावी रूप से इस फैसले को पलट दिया। अब इसी के खिलाफ आम आदमी पार्टी महारैली करने जा रही है।
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