सकारात्मक ऊर्जा लाती है पायल
पायल न सिर्फ सोलह श्रृंगार में शामिल है बल्कि यह सकारात्मक ऊर्जा भी लाती है। इससे महिलाओं का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। प्राचीन समय में पायल विशेष संकेत के लिए पहनी जाती थी। ताकि कोई स्त्री कहीं आए या जाए तो पायल से उसके आने-जाने का संकेत मिलता रहे और वास्तुशास्त्र के अनुसार पायल के स्वर से नकारात्मक ऊर्जा भी दूर होती है।
इसके अलावा पायल पहनने से महिलाओं को स्वास्थ्य लाभ भी मिलता है। वह ऐसे कि पायल की धातु सोना या चांदी जब पैरों से रगड़ती है तो हड्डियों के लिए काफी फायदेमंद होती है। पायल सोने और चांदी दोनों धातुओं की होती है। चांदी की पायल पहनना अधिक शुभ माना जाता है। सोने की पायल पहनी जाती है। लेकिन सोना गले और सिर की शोभा बढ़ाता है। इसलिए शास्त्रों में सोने की पायल को पैरों में पहनने का जिक्र बहुत कम मिलता है।