नई दिल्लीः दीपावली पर एनजीटी के आदेश हवा-हवाई हो गए. राजधानी दिल्ली में मनाही के बावजूद लोग पटाखे जलाते नजर आए. यही हाल और जगह रहा.
उत्तराखंडकी राजधानी देहरादून में दो घंटे आतिशबाजी के आदेश भी बेअसर रहे. शनिवार को दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच गया. पटाखों के चलते दिल्ली में आबोहवा और ज्यादा खराब हो गई. यह हाल तब है जब दिल्ली में एनजीटी ने 30 नवंबर तक दिल्ली में पटाखों की खरीदारी और जलाने पर प्रतिबंध लगा रखा है.
आंकड़ों के मुताबिक नोएडा में एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 के पार चला गया वहीं, राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम में हवा का स्तर बेहद खराब स्तर पर पहुंच गया. दिल्ली की हवा की गुणवत्ता और ज्यादा खराब हुई और यहां भी एक्यू आई बहुत खराब स्तर पर चला गया.
सफर इंडिया का अनुमान है कि दीपावली पर एक्यूआइ बहुत खराब श्रेणी में ही रह सकता है लेकिन, उसका स्तर बढ़ जाएगा.शनिवार शाम या देर रात तक एक्यूआइ 400 का आंकड़ा पार कर वापस गंभीर श्रेणी में आ सकता है वहीं, रविवार को 12 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवा से प्रदूषण के स्तर में सुधार देखने को मिल सकता है.
सफर इंडिया का यह भी अनुमान था कि दीपावली पर अगर इस बार पटाखे नहीं जले तो प्रमुख प्रदूषक तत्व पीएम 2.5 का स्तर भी पिछले चार सालों में सबसे कम हो सकता है. गुरुग्राम में 407, नोएडा में सबसे ज्यादा 609, वहीं दिल्ली में 545 दर्ज किया गया.
खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी एयर बुलेटिन के अनुसार, शुक्रवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 339 दर्ज किया गया. बृहस्पतिवार के मुकाबले इसमें 25 अंकों का इजाफा हुआ. आंशिक वृद्धि के साथ एनसीआर के शहरों की हवा बहुत खराब श्रेणी में रही. राजधानी दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर 168 और पीएम 10 का स्तर 299 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज हुआ.
दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 14 फीसदी दर्ज की गई जबकि, बृहस्पतिवार को पराली जलाने की घटनाएं 1,447 रिकॉर्ड की गई.स्काईमेट वेदर का कहना है कि शनिवार और रविवार को हवा की दिशा दक्षिण-पश्चिमी या दक्षिण-पूर्वी रहेगी.
ये कैसा प्रतिबंध, हो गया धुआं-धुआं
दिल्ली सरकार व एनजीटी द्वारा पटाखों के फोड़ने पर लगाया गया प्रतिबंध दीपावली पर यमुनापार में धुआं-धुआं हो गया.शाम से शुरू हुई आतिशबाजी रात तक जारी रही.
यमुनापारमें ऐसा कोई इलाका नहीं बचा जहां आतिशबाजी न हुई हो. यही हाल देहरादून का भी रहा. देहरादून में दो घंटे पटाखे छोड़ने के आदेश के बावजूद देर रात दो बजे तक जमकर आतिशबाजी हुई.
इससे आसमान में प्रदूषण छाया रहा. पुलिस और प्रशासन की नाक के नीचे लोगों ने जमकर आतिशबाजी की. सड़क से लेकर पार्क व घरों की छतों पर जमकर पटाखे फोड़े गए.
प्रशासन पूरी तरह दिखा फेल
बहुत से लोगों ने सिर्फ यह सोचकर पटाखे फोड़े की सिर्फ दीपावली पर ही प्रतिबंध क्यों लगाया जाता है. जिस तरह से दीपावली पर आतिशबाजी हुई उससे जग जाहिर है कि प्रशासन प्रतिबंध लगाने में नाकाम साबित हुआ और दीपावाली से पहले चोरी छिपे जमकर पटाखों की बिक्री हुई.
प्रदूषण से लोगों को सांस लेने में काफी समस्या हो रही है. सबसे ज्यादा परेशानी कोरोना संक्रमितों को उठानी पड़ी. धुएं से बचने के लिए बहुत से लोगों ने शाम से अपने घर के दरवाजे व खिड़कियां बंद कर ली थी.