News : उत्तराखंड में इस वर्ष की चारधाम यात्रा ने श्रद्धा, व्यवस्थापन और प्रशासनिक तत्परता का एक नया उदाहरण प्रस्तुत किया है। चारधाम यात्रा की शुरुआत से ही भारी संख्या में श्रद्धालु भगवान के दर्शन के लिए पहाड़ों की ओर बढ़ रहे हैं।
राज्य सरकार के बेहतर प्रबंधन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की व्यक्तिगत रुचि के चलते यह यात्रा अब तक बेहद सफल मानी जा रही है। इस बार की चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की संख्या में असाधारण वृद्धि देखी गई है। खासकर यमुनोत्री और केदारनाथ धाम में भारी भीड़ उमड़ रही है।
मई के महीने में ही यमुनोत्री धाम में 3 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंच चुके हैं, जिससे मंदिर समिति को लगभग 23 लाख रुपये की आय हुई है। जबकि यात्रा की शुरुआत में मौसम और कुछ अन्य कारणों से तीर्थयात्रियों की संख्या में हल्की गिरावट देखी गई थी, लेकिन बाद में यह तेजी से बढ़ी।
News : संत समाज की सकारात्मक प्रतिक्रिया
देशभर से आए संतों ने उत्तराखंड सरकार की तैयारियों की सराहना की है। उन्होंने माना कि इस वर्ष की यात्रा में सरकार ने पहले से बेहतर इंतजाम किए हैं, जिससे श्रद्धालुओं को सुविधा मिली है।
कई संतों ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी की ओर से तीर्थस्थलों पर की गई यात्रा और खुद व्यवस्थाओं की निगरानी करना यह दर्शाता है कि सरकार इस यात्रा को सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि आस्था का विषय मानती है।
News : मुख्यमंत्री धामी की व्यक्तिगत निगरानी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस बार यात्रा की तैयारियों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं। यात्रा के शुभारंभ के समय वे चारों धामों — केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री — के कपाट खुलने के दौरान स्वयं मौजूद रहे। यह पहला मौका था जब राज्य का कोई मुख्यमंत्री चारों धामों में कपाट खुलने पर व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहा। इससे प्रशासनिक अमले में भी स्पष्ट संदेश गया कि इस बार कोई कोताही नहीं चलेगी।
सरकार ने इस बार यात्रा के पंजीकरण, भीड़ नियंत्रण और मौसम की निगरानी को डिजिटल तरीके से संभाला है। श्रद्धालुओं के लिए हेल्पलाइन नंबर, मोबाइल ऐप्स और लाइव लोकेशन ट्रैकिंग की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही यात्रा मार्गों पर डॉक्टरों की तैनाती, एंबुलेंस सेवा और आपातकालीन केंद्रों को सक्रिय रखा गया है।
News : पर्यटन और आय में जबरदस्त उछाल
चारधाम यात्रा न केवल आस्था का पर्व है, बल्कि राज्य के पर्यटन और अर्थव्यवस्था का भी अहम हिस्सा है। इस बार की यात्रा से स्थानीय दुकानदारों, होटलों और परिवहन सेवाओं को भी बड़ा लाभ हुआ है। चारधाम यात्रा से राज्य को अब तक करोड़ों की आय हो चुकी है और यह आंकड़ा आने वाले समय में और बढ़ने की उम्मीद है।
चारधाम यात्रा 2025 अब तक न सिर्फ एक धार्मिक सफलता बनकर उभरी है, बल्कि यह उत्तराखंड सरकार के प्रबंधन कौशल का भी परिचायक है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा और अनुभव को प्राथमिकता देने वाले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की नीति को संत समाज और आम जनता दोनों ने सराहा है। अब सभी की निगाहें इस यात्रा को शांति और व्यवस्था के साथ संपन्न करने पर टिकी हैं।
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