जानें क्यों गंगा में गिर रहे नाले के बंद न होने पर साधु संतों ने शाही स्नान का किया बहिष्कार

फर्रुखाबाद में मेला रामनगरिया मिनी कुम्भ शुरू हो चूका है। शुरुरात होने से पहले सन्तों ने गंगा में गिरने वाले नाले को लेकर कई बार आवाज उठाई। लेकिन प्रशासन ने नाले को बंद करने को लेकर कोई भी पहल नहीं की। जिससे नराज होकर साधु संतो ने आज मकर संक्रांति पर शाही स्नान नहीं किया। साधु संतो का कहना है कई बार शिकायत करने के बाद भी गन्दा पानी बंद नहीं किया गया है। हम लोग गंदे पानी में स्नान करे ऐसा नहीं होगा।

फर्रुखाबाद के पांचाल घाट गंगा तट पर करीब पचास वर्षो से मेला लगता चला आ रहा है। इस माघ मेला में हजारो साधू सन्त व कल्पवासी गंगा स्नान करते है। पूरे शहर के नालो का पानी गंगा में गिरता है। इस बार 10  जनवरी से 10  फ़रवरी तक मेला लगना है। प्रशासन ने साधुसंतो को मानाने की जहमत तक नहीं उठाई। जिससे साधु संतो में रोष है।

ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर कई सालों से आंदोलन चलाये जा रहे है। बहुत से समाजसेवी आमरण अनशन पर भी बैठे। लेकिन ट्रीटमेंट प्लांट नही लगाया जा सका। गंगा प्रदूषण नियंत्रण विभाग के कर्मचारी जब भी कारखानों पर छापेमारी करते है। वह लोग अपनी अपनी जेब गर्म करने के बाद कोई कार्यवाही नही करते है। जब कि गंगा को अपनी माँ के रूप में मानने वाले लोग उसके जल को पीने के बाद अपनी प्यास बुझाते है।