![अरे, ‘मोदी जी’ क्या बिहार से चुनाव लड़ रहे, चौंक गए न | Nation One](https://nationone.tv/wp-content/uploads/2020/10/gopalganj-pm-modi-1000x600.jpg)
अरे, ‘मोदी जी’ क्या बिहार से चुनाव लड़ रहे, चौंक गए न | Nation One
गोपालगंजः क्या आपको मालूम है कि, बिहार विधानसभा चुनाव में दो-दो मोदी व्यस्त हैं. अगर नहीं पता तो आइये हम बताते हैं. इस चुनाव में हैं तो दो ही मोदी. दोनों कदम-काठी और शक्ल से एक जैसे. एक असली हैं तो दूसरे उनके हमशक्ल. इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है और वह प्रत्याशियों के लिए वोट मांगने आ रहे हैं वहीं, मोदी के हमशक्ल चुनाव मैदान में निर्दलीय के तौर पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
हम बात कर रहे हैं हथुआ विधानसभा सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हमशक्ल अभिनंदन पाठक की. उनके कारण यह सीट चर्चा में आ गई है।
पीएम की नकल नहीं करते पर चेहरा व कद-काठी मोदी जैसा
अभिनंदन पाठक की खास बात यह है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नकल नहीं करते हैं बल्कि, चेहरे व कद-काठी के कारण लोग उन्हें देखते ही मोदी-मोदी कहने लगते हैं. चुनाव मैदान में कूदने के बाद अभिनंदन खादी का कुर्ता व पायजामा पहनकर सुबह अपना प्रचार करने के लिए साइकिल से क्षेत्र में निकल जाते हैं. वे जिधर से गुजरते हैं, लोग उन्हें घेर लेते हैं. उनके पिता गांधी आश्रम में काम करते थे, जिस कारण वे बचपन से ही खादी का कुर्ता व पायजामा पहनते हैं.
हमशक्ले होने के कारण परेशानियां भी झेलीं
अभिनंदन बताते हैं कि उन्होंने शुरुआत में नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर उनके लिए प्रचार भी किया था लेकिन, अब न तो उनके समर्थक हैं, न ही विरोधी. कहते हैं कि, प्रधानमंत्री का हमशक्ल होने का लाभ है तो परेशानयां भी कम नहीं. इस कारण कई बार लोगों ने प्यार दिया तो साथ में सेल्फी लेने के लिए कपड़े तक फाड़ दिए, हां, कई बार भारतीय जनता पार्टी के विरोधियों के आक्रोश के कारण भी उनके कपड़े फटे.
सहारनपुर के रहने वाले, वहीं से लड़ चुके हैं चुनाव
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर शहर के कपिल बिहार कॉलोनी निवासी अभिननन्दचन पाठक इसके पहले सहारपनुर से लोकसभा तथा विधानसभा के चुनाव लड़ चुके हैं. 2014 में उन्होंने वाराणसी से भी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पर्चा भरा था. गोपालगंज के फुलवरिया प्रखंड के सवौनहां गांव में उनकी ससुराल है, जहां बीते 14 महीने से वे अपनी सास की देखभाल कर रहे हैं.
अच्छेा लोग राजनीति में आएं तो नहीं उठेंगे कई सवाल
अभिननदन पाठक कहते हैं कि चुनाव प्रचार के दौरान जब युवा उनसे युवा बेरोजगारी, विकास आदि के सवाल करते हैं तो वे यही जवाब देते हैं कि यह देश हम सभी का है. वादे पूरा न कर पाने की वजह राजनीतिक दलों के साथ हम लोग भी जिम्मेदार हैं. अच्छे लोग राजनीति में आएंगे तो ऐसे सवाल नहीं उठेंगे.