Health Tips : इन लक्षणों से करें Depression की पहचान, समय रहते हो जाएं सतर्क | Nation One
Health Tips : दुखी होना एक सामान्य मानवीय भावना है, जो किसी नकारात्मक घटना या अनुभव के कारण होती है. यह भावना अस्थायी होती है और समय के साथ कम हो जाती है, लेकिन इसकी वजह सेहत पर कई गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं. पढ़ाई से लेकर किसी से मन मुटाव या ब्रेकअप जैसे कई कारण से डिप्रेशन का शिकार होते हैं.
डिप्रेशन एक ऐसी गंभीर समस्या जिससे हर दूसरा व्यक्ति पीड़ित है, इसकी वजह से शरीर में बीमारियों के पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है.
यह समस्या स्टूडेंट्स से लेकर हर उम्र के लोगों में देखने को मिलती है. कई लोग डिप्रेशन से परेशान होकर सुसाइड करने तक का कदम उठा लेते हैं. दुखी और उदास होने काफी अंतर होता है, जिसे कई लोग एक जैसा समझने की गलती करते हैं.
Health Tips : आइए जानते हैं डिप्रेशन के लक्षणों के बारे में-
निराशाजनक दृष्टिकोण
मेजर डिप्रेशन एक मूड डिसऑर्डर है, जो सामान्य रूप से जिंदगी में महसूस होने वाले तरीको को प्रभावित करता है. इसकी वजह से निराशा होना, आत्म विश्वास में कमी जैसे भावनाएं पैदा होती है. यह डिप्रेशन का सबसे आम लक्षण है. इसके अलावा खुद को बिना गलती के कोसना, घुटन महसूस करना जैसे कई लक्षण दिखाई देते हैं.
रुचि और आनंद में कमी
डिप्रेशन से पीड़ित लोगों की रुचि और आनंद में कमी होने लगती है, जिन काम को करने में पहले आनंदित महसूस करते थे, चाहे खेल हो या दोस्तों के साथ बाहर जाना, उसे करने का मन नहीं होता है. रुचि का कम होना या पीछे हटना अवसाद का एक स्पष्ट संकेत है.
Health Tips : भूख और नींद में बदलाव
डिप्रेशन के कारण व्यक्ति को थकान और कम ऊर्जा महसूस होती है. इससे उन्हें अपने पसंदीदा कामों में रुचि नहीं रहती है. इसकी वजह से कुछ खाने का मन नहीं करता है. कई लोग लंबे समय तक भूखे रहते हैं, जिसका प्रभाव वजन पर भी पड़ सकता है,
चिंता (एंजाइटी)
एंजाइटी के दौरान घबराहट, बेचैनी, तनाव जैसी समस्याएं हो सकती है. एंजाइटी होने पर घबराहट या डर की भावना महसूस होने लगती है. दिल की धड़कन तेज हो जाती है, जिससे सांस लेने में परेशानी, पसीना आना, कांपना या मांसपेशियों में मरोड़ होने की संभावना बढ़ जाती है.
चिड़चिड़ापन
पुरुषों और महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षण अलग-अलग तरह से प्रभाव डालते हैं. एक्सपर्ट की मानें तो डिप्रेशन से परेशान पुरुषों में चिड़चिड़ापन, जोखिम भरा व्यवहार, शराब का सेवन करना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. वहीं महिलाओं में डिप्रेशन के कारण उदासी, निराशा, और रोने की भावना बढ़ने लगती है.
Health Tips : वजन में बदलाव
डिप्रशेन का सबसे ज्यादा प्रभाव वजन पर पड़ता है, क्योंकि इस दौरान भूख में कमी होने से वजह कम होने लगता है. इसकी वजह से शरीर में तेजी से गिरावट आती है. इसका प्रभाव आंखों पर भी पड़ता है, जिसके कारण आंखों के नीचे काले घेरे दिखने लगते हैं.
बेकाबू भावनाएं
डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति अत्यधिक भावनात्मक उतार-चढ़ाव का अनुभव करता है. इस समस्या की वजह से व्यक्ति खुशी और उत्साह महसूस करने की क्षमता खो बैठता है. यह भावनाएं अस्थिर और अप्रत्याशित होती हैं. कई लोग गुस्सा होकर अपनी भावनाएं प्रकट करते हैं, तो कई रो- रोकर.
मृत्यु या आत्महत्या के विचार
अवसाद से पीड़ित व्यक्ति निराश और आशाहीन महसूस करता है, जिससे आत्महत्या के विचार आ सकते हैं. इसकी वजह से व्यक्ति खुद को कमतर आंकता है और आत्म-घृणा की भावना से जूझता है.
Health Tips : डिप्रेशन से बचाव के तरीके
- रोजाना एक्सरसाइज और योग करने से मस्तिष्क में एंडोर्फिन और सेरोटोनिन जैसे रसायनों से छुटकारा मिल सकता है, जो मूड को बेहतर बनाने में मददगार साबित होते हैं.
- अपनी डाइट में हेल्दी चीजों को शामिल करें, जिससे मस्तिष्क को बेहतर तरीके से काम करने में मदद मिलती है. इससे मूड स्थिर रहता है.
- पर्याप्त नींद लेने से इस समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
- धूम्रपान और शराब का सेवन करने से बचें.
- नए शौक अपनाने से आपको खुशी और आनंद मिल सकता है. इसमें खेल कूद से लेकर घूमना फिरना या किताबें पढ़ना शामिल है.
- प्रकृति के साथ समय बिताने से तनाव कम होता है और मूड बेहतर होता है.
- अपने परिवार और दोस्तों से बातचीत करते रहें. साथ ही नए लोगों से मिलने से नया अनुभव होता है.
- डिप्रेशन से पीड़ित लोगों के लिए समर्थन समूह एक अच्छा विकल्प हो सकता है.
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