सावधान! Fake Parcel के नाम से हो रही ठगी, बचने के लिए बरतें ये सावधानी | Nation One
Fake Parcel : पुलिस अधीक्षक कुरुक्षेत्र सुरेन्द्र सिंह भौरिया ने एडवाइजरी जारी करते हुए आमजन से की अपील की है कि साइबर अपराधी अपराध करने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। आमजन जागरुकता से ही साइबर अपराधियों के चंगुल में आने से बच सकते हैं।
साईबर ठगो ने आनलाईन खरीददारी करने वाले व्यक्तियों को ठगने का नया तरीका अपनाया है । इस नये ठगी के तरीके के अनुसार बिना ऑर्डर किए ही कैश ऑन डिलिवरी का पार्सल घर आता है आप लेने से इनकार करते हैं तो कैंसिलेशन के लिए ओटीपी मांगा जाता है। जैसे ही व्यक्ति ओटीपी बताता है तो कुछ ही सैकेन्ड में उसके खाते को साफ कर दिया जाता है ।
Fake Parcel : सबसे बड़ा उपाय जागरुकता
इन ठगो से बचने का सबसे बड़ा उपाय जागरुकता है । इसके बावजूद साइबर क्राइम के शिकार होते हैं तो तुरंत भारत सरकार द्वारा जारी साईबर क्राइम हैल्प लाईन नंबर 1930 पर काल करें।
साथ ही बताया की साइबर धोखाधड़ी के मामलों में अपनी शिकायत नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल https//www.cybercrime.gov.in पर या नजदीकी थाना / चौंकी में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। 1930 पर तुरन्त शिकायत करनें पर आपका पैसा सुरक्षित वापिस आ सकता है ।
Fake Parcel : ऐसे बनाते हैं ठगी का शिकार
पुलिस के अनुसार शिकार के पते पर कोरियर के जरिए एक पार्सल भेजा जाता है जो उसने कभी ऑर्डर ही नहीं किया होता। जाहिर है कि वह ऑर्डर रिसीव करने से मना कर देगा। फिर डिलिवरी बॉय उस पार्सल भेजने वाले को फोन लगाएगा जिसका नंबर ‘कस्टमर केयर’ के रूप में लेबल पर दिया होगा।
शिकार की फोन पर बात कराई जाएगी। उसे समझाया जाएगा कि अगर ऑर्डर उसने नहीं किया तो कैंसिल करा सकता है। बस इसके लिए मोबाइल पर आया ओटीपी बताना होगा। पीछा छुड़ाने के लिए शिकार जल्दबाजी में ओटीपी बता देता है और यहीं पर चूक हो जाती है।
कॉल पर ओटीपी मिलते ही दूसरी ओर बैठे ठग शिकार का बैंक खाता खाली कर देते हैं। जबतक पुलिस के पास पहुंचते हैं तब उन्हें अहसास होता है कि वे साइबर ठगी के नए तरीके का शिकार बने हैं।
Fake Parcel : साइबर फ्राड से बचने के लिए निम्न बातों का रखे ध्यान
- ऑनलाइन खरीदारी करते समय चेक करें वैबसाइट के यूआरएल में एचटीटीपीएस हो न की खाली एचटीटीपी ।
- अगर कोई अपरिचित व्यक्ति किसी एप्लीकेशन को डाउनलोड करने के लिए कहता है तो एप्लीकेशन डाउनलोड ना करें। केवाईसी करने के नाम पर आपसे 1 या 10 रुपये आपके ही बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए कहता है तो ऐसा न करें।
- ट्रांजैक्शन करने में असमर्थ होने पर किसी भी अपरिचित व्यक्ति की सहायता ना लें।
- किसी भी व्यक्ति के साथ अपने बैंक डिटेल, एटीएम कार्ड नंबर, कार्ड की एक्सपायरी एवं कार्ड पर पीछे लिखे । डिजिट के सीवीवी नंबर को किसी के साथ शेयर ना करें।
- ऑनलाइन नेट बैकिंग इस्तेमाल करते समय ध्यान रखें कि ट्रांजेक्शन हमेशा अपने पर्सनल कम्प्यूटर / लैपटॉप या फोन पर करें।
- किसी अपरिचित नंबर से आपके पास फोन मैसेज या व्हाट्सएप मैसेज पर कोई लिंक या फोटो आए तो उस पर क्लिक ना करें।